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Madhya Pradesh Electricity Department 11,000 Volt Line Hanging On Road Side Tree In Singrauli ANN


Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सिंगरौली (Singrauli) जिले में बिजली आपूर्ति के लिए बिजली विभाग ने जुगाड़ की सारी हदें पार कर दी है. गांवों में लो टेंशन की लाइन को पेड़ों पर बांध कर निकालने के बाद अब, 11 हजार वोल्‍ट वाली हाई टेंशन की लाइन को भी पेड़ में इंसुलेटर फंसा कर बांधना शुरू कर दिया है. कुछ दिनों पहले इसी तरह की लापरवाही की वजह से एक चीते की मौत हो गई थी. इसके बाद भी विभाग के कर्मचारी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं.

ग्रामीणों की लगातार शिकायत के बावजूद भी समस्याओं के समाधान की कोई पहल नहीं हुई है. अधीक्षण अभियंता अवनीश सिंह का कहना है कि इसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी और गाइड लाइन जारी की जाएगी. दरअसल मामला जिले में माड़ा रेंज के जीर गांव का है, जहां बिजली विभाग के कर्मचारी सड़क के किनारे खड़े पेड़ में 11000 की हाई-वोल्टेज विद्युत लाइन दौड़ा रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार शिकायत के बावजूद भी विभाग के कर्मचारी अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं. इसी रास्ते से होकर आसपास के लोगों का आवागमन होता है, जिससे बड़ा खतरा बना हुआ है. वहीं समय रहते यह ठीक नहीं हुआ तो बड़ा हादसा हो सकता है.

यहीं होता है बिजली का उत्पादन
मध्य प्रदेश के इसी जिले से बिजली बनती है यानी इस इलाके में बिजली का उत्पादन होता है और यहां की बिजली से देश और विदेश भी रोशन होते हैं, लेकिन कहते है न दीपक तले अंधेरा होता है. यहां की स्थिति भी कुछ इसी तरह की है. पावर हब के इस इलाके में कहीं अंधेरा है तो कहीं बिजली की आपूर्ति हरे और सूखे पेड़, बॉस बल्ली के सहारे लोगों के घरों तक रोशनी मिल रही है. यह जरूर है कि सरकारी आकंड़ों में जिले के हर घर तक बिजली की आपूर्ति हो रही है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार? 
सिंगरौली जिले के जीर, खैराही सहित कई ऐसे गांव है, जहां बिजली की आपूर्ति पेड़, बॉस-बल्ली के सहारे हो रही है. कुछ गांव तो ऐसे भी हैं, जहां आज भी लोग लालटेन युग मे जीने को मजबूर है, लेकिन विभाग सब कुछ जानकर भी खामोश है. वहीं जब इस मामले को लेकर एबीपी न्यूज़ की टीम ने जिला कलेक्टर अरुण परमार से बात की तो उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति बॉस-बल्ली या पेड़ के सहारे हो रही है, इसकी लगातार शिकायतें भी मिल रही है. संबंधित अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिया गया है, जल्द ही इस पर अमल किया जाएगा.

(सिंगरौली से देवेंद्र पांडेय की रिपोर्ट)

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