Lucknow CBI Special Court sentenced three accused to 2 to 4 years of imprisonment in separate cases of corruption and fraud ann
CBI Court: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के दो अलग-अलग मामलों में तीन आरोपियों को 2 से 4 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इन मामलों में दोषी पाए गए पूर्व बैंक मैनेजर समेत तीन लोगों पर कुल 51,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
बैंक मैनेजर को 4 साल की सजा
लखनऊ की CBI स्पेशल कोर्ट नंबर-05 ने पहले मामले में काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक, पपौरा ब्रांच, चंदौली (UP) के पूर्व ब्रांच मैनेजर विनोद कुमार राम को 4 साल की सजा सुनाई और 35,000 रुपये का जुर्माना लगाया.
क्या था मामला?
CBI ने 16 अगस्त 2016 को यह मामला दर्ज किया था. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि बैंक मैनेजर विनोद कुमार राम ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 50,000 रुपये का लोन पास करने के लिए 6,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी. CBI ने जाल बिछाकर बैंक मैनेजर को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. जांच पूरी होने के बाद CBI ने 30 सितंबर 2016 को चार्जशीट दाखिल की और कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी करार दिया.
ITI नैनी घोटाला: दो अधिकारियों को 2 साल की सजा
दूसरे मामले में, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रदूषण), लखनऊ ने ITI लिमिटेड, नैनी, प्रयागराज के पूर्व चीफ मैनेजर लव निगम और तत्कालीन अधिकारी एस.ए.एच. जाफरी को 2 साल की सजा सुनाई और 16,000 रुपये का जुर्माना लगाया.
CBI ने 17 फरवरी 1998 को इस घोटाले का केस दर्ज किया था. आरोप था कि 1990-92 के दौरान ITI नैनी में तैनात चीफ मैनेजर लव निगम ने फर्जी बिल बनाकर 5.25 लाख रुपये की हेराफेरी की थी. CBI ने जांच के बाद 8 अक्टूबर 2001 को चार्जशीट दाखिल की और सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया गया.
CBI की सख्ती जारी
CBI लगातार भ्रष्टाचार और वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में सख्त कार्रवाई कर रही है. इन फैसलों से सरकारी विभागों और बैंकों में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को कड़ा संदेश मिला है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.
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