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Loksabha Elections 2024 PM Narendra Modi Bjp May Drop Varun Gandhi From Uttar Pradesh Pilibhit Seat – पीलीभीत लोकसभा सीट से खतरे में वरुण गांधी का टिकट? BJP इन पर लगा सकती है दांव



लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) होने में 100 से कम दिन बचे हैं. चुनाव पर पूरी दुनिया की नज़र है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में बीजेपी जहां जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में लगी है. वहीं, विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन में बिखराव का सिलसिला जारी है. आम आदमी पार्टी (AAP), समाजवादी पार्टी ने कुछ सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस ने भी उम्मीदवार चुनने के लिए पैनल बना लिया है. 

इस बीच ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर NDTV आपको 3 हॉट सीटों का हाल और संभावित उम्मीदवारों के बारे में बता रहा है. सूत्रों के मुताबिक, यूपी की पीलीभीत सीट से बीजेपी इस बार वरुण गांधी (Varun Gandhi) का पत्ता काट सकती है. उनकी जगह पर एक मौजूदा विधायक को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है.

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पीलीभीत सीट (उत्तर प्रदेश)

सबसे पहले बात यूपी की करते हैं. 2019 के इलेक्शन में यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 62 सीटें जीती थीं. कांग्रेस को सिर्फ एक सीट (रायबरेली) मिली थी. राहुल गांधी को हराकर स्मृति ईरानी ने अमेठी सीट हासिल की थी. अमेठी और रायबरेली के अलावा यूपी की एक और हाई प्रोफाइल सीट है- पीलीभीत. ये सीट फिलहाल बीजेपी के पास है.

पीलीभीत यूपी के रोहिलखंड इलाके में आता है. ये पहले बरेली जिले का हिस्सा था. 1879 में ये अलग जिला बना. इसकी आबादी करीब 20 लाख है. यहां चीनी और कागज की मिलें हैं. बांस और ज़रदोज़ी का काम भी खूब होता है. यहां का बांसुरी निर्माण बहुत प्रसिद्ध है.

राहुल गांधी के चचेरे भाई और बीजेपी नेता वरुण गांधी मौजूदा समय में पीलीभीत से सांसद हैं. यहां 2019 के चुनाव में 11,87,225 वोट पड़े थे. करीब 67.41% मतदान हुआ था. वरुण गांधी को 2019 में 7,04,549 वोट मिले थे. 2019 में वरुण गांधी ने समाजवादी पार्टी के हेमराज वर्मा को हराया था. हेमराज को 4,48,922 वोट मिले थे. वरुण गांधी पीलीभीत से 2009 में भी सांसद रहे. 

वरुण गांधी का कट सकता है टिकट

वरुण गांधी तेज़तर्रार युवा नेता माने जाते हैं. उन्हें जो अच्छा लगता है वो बोलते हैं. कई बार पाटी से अलग स्टैंड लेने में भी गुरेज़ नहीं करते. लेकिन सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है, उसके मुताबिक इस चुनाव में वरुण गांधी का टिकट कट सकता है. बीजेपी उनकी जगह संजय सिंह गंगवार को मैदान में उतार सकती है. 47 साल के गंगवार फिलहाल विधायक हैं. बीजेपी से दूसरा नाम जितिन प्रसाद का भी चल रहा है, वो इस वक्त उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं.

बीजेपी के अलावा कांग्रेस में इस सीट पर उम्मीदवार उतार सकती है. अनीस अनवर का नाम चर्चा में चल रहा है. वहीं, समाजवादी पार्टी से पीलीभीत के उम्मीदवार के तौर पर दिव्या गंगवार के नाम की चर्चा है.

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भोपाल सीट (मध्य प्रदेश)

यूपी के बाद मध्य प्रदेश का रुख करते हैं. भोपाल सीट पर तकरीबन सभी पार्टियां बड़े चेहरे को ही उतारती हैं. भोपाल ज़िले की आबादी करीब 23 लाख है. 1972 तक ये सिहोर ज़िले का हिस्सा था. शहर का नाम राजा भोज पर पड़ा है,जिन्होंने भोज-पाल शहर बनाया था. बाद में ये भोपाल हो गया. शहर को झीलों की नगरी भी कहा जाता है. यहां कई प्रसिद्ध मंदिर और मस्जिद हैं.  

भोपाल सीट फिलहाल बीजेपी के पास है. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर मौजूदा सांसद हैं. 2019 के चुनावों में भोपाल में कुल 14,07,954  वोट पड़े थे. साध्वी प्रज्ञा को 8,66,482 वोट मिले थे. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को हराया था. दिग्विजय को करीब 5,01,660 लाख वोट मिले थे.

साध्वी प्रज्ञा को भी मिल सकता है ‘रेस्ट’

इस चुनाव में साध्वी प्रज्ञा का टिकट कटने की चर्चा है. कई बार वो अपने बयानों की वजह से विवादों में रही हैं. बीजेपी नये चेहरे को मौका दे सकती है. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का टिकट कटने की हालत में बीजेपी से कई नाम सामने आ रहे हैं. इसमें पूर्व सांसद आलोक संजर, पूर्व गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता और नरोत्तम मिश्रा का नाम शामिल है. 

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की तरफ से पहला नाम अरुण श्रीवास्तव का हो सकता है. अरुण पेशे से वकील हैं और भोपाल जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. अरुण, सुरेश पचौरी के खास समर्थक हैं, लेकिन इन्हें दिग्विजय सिंह और कमलनाथ का भी आशीर्वाद प्राप्त है. दूसरे नंबर पर ऋचा गोस्वामी का नाम रह सकता है. ऋचा गोस्वामी एक कथा वाचक हैं, जो कांग्रेस के धर्म प्रकोष्ठ की अध्यक्ष हैं. तीसरे नंबर पर जितेंद्र सिंह का नाम रह सकता है. जितेंद्र ने विधानसभा चुनाव में भी हुजूर विधानसभा से अपनी दावेदारी पेश की थी. हालांकि, उन्हें टिकट नहीं दिया गया. अच्छी राजनीतिक पैठ रखने वाले जितेंद्र को कमलनाथ का करीबी बताया जाता है.

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जयपुर शहर सीट (राजस्थान)

भोपाल के बाद अब बात राजस्थान की हाई प्रोफाइल सीट जयपुर सिटी की करते हैं. हर पार्टी कोशिश कर रही है कि इस सीट पर ऐसा चेहरा उतारें, जिससे जीत पक्की हो जाए. जयपुर जिले की आबादी करीब 65 लाख है. यह रजवाड़ों की धरती रही है. आमेर, नाहरगढ़, जयगढ़ जैसे प्रसिद्ध किले यहीं हैं. हवा महल, जंतर-मंतर भी जयपुर में ही है.

जयपुर सीट फिलहाल बीजेपी के पास है. पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने यहा बड़ी जीत हासिल की थी. रामचरण बोहरा यहां से बीजेपी के सांसद हैं. बोहरा ने 2014 और 2019 दोनों बार ये सीट जीती. 2019 के चुनाव में यहां 14,56,506 वोट पड़े. बोहरा को 9,24,065 वोट मिले. जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस की ज्योति खंडेलवाल रहीं. 

रामचरण बोहरा का भी कट सकता है पत्ता

सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इस बार रामचरण बोहरा को रेस्ट दे सकती है. उनकी जगह सीपी जोशी को टिकट मिल सकता है. सीपी जोशी मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष हैं और चित्तौड़गढ़ से सांसद भी. वो अपनी सीट बदलना चाहते हैं.

राम लाल शर्मा का नाम भी लिस्ट में शामिल है. इसके अलावा अरुण चतुर्वेदी, पुनीत कर्णावत का नाम भी चर्चा में है. अरुण चतुर्वेदी संघ के करीबी माने जाते हैं. जबकि पुनीत कर्णावत वैष्य समाज से जुड़े हैं और संघ के करीबी माने जाते हैं.

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कांग्रेस इन नेताओं पर लगा सकती है दांव

कांग्रेस भी जयपुर सीट पर उम्मीदवार उतार सकती है. पूर्व सांसद महेश जोशी का नाम सबसे ऊपर है. ये गहलोत सरकार में मंत्री भी रहे हैं. गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके प्रताप सिंह खाचरियावास भी वेटिंग लिस्ट में हैं. जयपुर विश्व विद्यालय के अध्यक्ष रह चुके पुष्पेंदर भारद्वाज का नाम भी चर्चा में आ रहा है. वो दो बार जयपुर की सांगानेर सीट से अपनी किस्मत आज़मा चुके हैं. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवार का नाम भी लिस्ट में है.



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