Sports

Loksabha Elections 2024 BJP Considering NDAs Show Of Strength After Opposition Unity Meeting Ahead – विपक्षी एकता की मीटिंग के बाद NDA के शक्ति प्रदर्शन पर विचार कर रही बीजेपी


विपक्षी एकता की मीटिंग के बाद NDA के शक्ति प्रदर्शन पर विचार कर रही बीजेपी

बीजेपी संगठन में बड़ा बदलाव कर सकती है.

नई दिल्ली:

विपक्षी दलों की ओर से 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर एकजुटता को लेकर जारी प्रयासों के बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को बड़ा स्वरूप देने में जुटी हुई है और साथ ही उसकी कोशिश है कि वह इसका शक्ति प्रदर्शन भी करे. भाजपा सूत्रों ने कहा कि राजग की बढ़ती ताकत को रेखांकित करने के लिए जल्द ही एक बैठक होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इसके जरिये इस धारणा को दूर किया जाएगा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल और जनता दल (यूनाइटेड) जैसे इसके कुछ सबसे पुराने सहयोगियों के जाने से भगवा पार्टी के पास कोई बड़ा साझेदार नहीं है.

यह भी पढ़ें

केंद्रीय मंत्रिपरिषद में किसी भी तरह के संभावित फेरबदल में भाजपा की कोशिश उन सभी सहयोगियों को भी शामिल करने की है, जिन्हें हाल के दिनों में भाजपा का साथ मिला है. अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंत्रिपरिषद में सहयोगी दलों के तीन सदस्य ही हैं. आरएलजेपी के पशुपति कुमार पारस एकमात्र कैबिनेट सदस्य हैं, जबकि अपना दल की अनुप्रिया पटेल और आरपीआई के रामदास अठावले राज्य मंत्री हैं.

भाजपा ने हाल ही में एक बयान में 13 दलों के नेताओं के हस्ताक्षर प्राप्त किए थे, जिसमें संसद के नए भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की आलोचना की गई थी. बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्नाद्रमुक नेता ई के पलनीस्वामी के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में सत्तारूढ़ दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता शामिल थे.

सूत्रों ने बताया कि शिंदे ने राष्ट्रीय राजधानी के संक्षिप्त दौरे के दौरान बृहस्पतिवार देर रात भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की. एजेंडे में क्या था, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में संभावित फेरबदल और महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के बहुप्रतीक्षित विस्तार पर चर्चा हुई. भाजपा बिहार में राजद-जद (यू) खेमे के छोटे दलों को जोड़ने के लिए मेहनत कर रही है ताकि राज्य में अपनी ताकत को मजबूत कर सके. बिहार के सत्ताधारी गठबंधन के पक्ष में एक मजबूत सामाजिक समीकरण भी है.

जद(यू) छोड़कर एक बार फिर अपनी पार्टी बनाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, जिनके बेटे ने हाल ही में राज्य सरकार से मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, ने गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से मुलाकात की है.

भाजपा लोजपा (राम विलास) नेता चिराग पासवान की भी गठबंधन में वापसी की कोशिश कर रही है, जिन्हें उनके पिता और दिग्गज दलित नेता रामविलास पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है. सत्तारूढ़ दल अगले महीने कुछ महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठकें कर रहा है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि उसका ध्यान अपने सहयोगियों को एक साथ लाने पर होगा. 

विपक्षी दलों ने 23 जून को पटना में एक बैठक में 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का एकजुट होकर मुकाबला करने का संकल्प लिया था.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *