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Loksabha Election 2024 Baba Saheb Dr. Bhimrao Ambedkar Picture Will Be Displayed In BJP Offices ANN


Loksabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले देशभर की सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. जहां एक ओर विपक्ष बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे के बाद उत्तर प्रदेश में भी जाति आधारित गणना का दबाव बना रही है. वहीं दलित वोट बैंक को अपने साथ लाने के लिए अब उत्तर प्रदेश में बीजेपी अपनी रणनीति में बदलाव करती नजर आ रही है. जिसके तहत अब बीजेपी के कार्यालय और कार्यक्रमों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ-साथ अब बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की भी तस्वीर लगेगी.

जानकारी के अनुसार बीजेपी के कार्यालयों में अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की तस्वीर के साथ उसी साइज की बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की भी तस्वीर लगाई जाएगी. इसके साथ ही बीजेपी अब प्रदेश में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थलों और मूर्तियों की साफ सफाई और उनका जीर्णोधार कराएगी. जिस पंच तीर्थ की बात होती है, दलितों को उनकी यात्रा कराई जाएगी. दलितों को बीजेपी से जोड़ने की मुहिम के क्रम में सुझाव मांगे जाने पर ऐसी कई बातें अनुसूचित वर्ग से आने वाले विधायकों ने पार्टी फोरम पर रखी हैं. 

दलित और वंचितों को साधने की तैयारी में बीजेपी

विपक्ष के जाति आधारित गणना के दांव से उबरने की कवायद में जुटी भारतीय जनता पार्टी ने कई मोर्चे साधने में इस वक्त अपना ध्यान केंद्रित कर लिया है. पार्टी ने इसके लिए गरीब, दलित, वंचित को साधने की मुहिम शुरू की है. इसी सिलसिले में प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी के दलित सांसदों और विधायकों की हालिया बैठक में उनसे इस वर्ग के अधिक से अधिक लोगों को बीजेपी से जोड़ने को लेकर सवाल किए हैं. 

जनप्रतिनिधियों से मांगे सुझाव

फिलहाल जानकारी के अनुसार इसके बाद लगातार सुझावों का तांता लग गया. पार्टी के एक जनप्रतिनिधि ने कहा कि अनुसूचित वर्ग के बच्चों के छात्रावास खस्ताहाल हैं, उन्हें सुधारने की जरूरत है. मगर उसके लिए तकरीबन ढाई सौ करोड़ रुपए चाहिए. वहीं संगठन ने इनकी भागीदारी बढ़ाने का सुझाव भी आया है.

दलित नहीं अनुसूचित बस्तियां कहें

बीजेपी ने दलित बस्तियों में संपर्क और संवाद का अभियान शुरू किया है. मगर पार्टी के जनप्रतिनिधियों का सुझाव था कि इनको दलित बस्ती की जगह “अनुसूचित वर्ग की बस्तियां” के नाम से संबोधित किया जाए. एक जनप्रतिनिधि ने यह भी कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकारें गरीबों और समाज के हर वर्ग के लिए काम कर रही है. बावजूद इसके विपक्षी दल बीजेपी से संविधान और आरक्षण को खतरा होने का दुष्प्रचार करते हैं. इस षड्यंत्र का प्रभावी ढंग से जवाब देना होगा.

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