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Lok Sabha Elections: BJPs Heavyweight Candidates Approved, PM Modi-Amit Shahs Seats Decided – लोकसभा चुनाव : BJP के हैवीवेट उम्मीदवारों पर मुहर, PM मोदी-शाह की सीट तय; भोजपुरी अभिनेताओं की भी लगी लॉटरी



भाजपा के सबसे चर्चित चेहरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भाजपा 2014 और 2019 के चुनावों में जीत हासिल कर चुकी है और एक बार फिर उन्हीं की गारंटी पर 2024 के आम चुनावों में उतर रही है. नरेंद्र मोदी 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और 2014 से प्रधानमंत्री हैं. 2014 में उन्‍होंने वाराणसी और वडोदरा से चुनाव लड़ा और दोनों ही जगहों से जीतने के बाद वडोदरा से इस्तीफा दे दिया था. अब वो तीसरी बार वाराणसी से ही चुनाव लड़ेंगे. 

प्रधानमंत्री मोदी के सबसे भरोसेमंद साथी और दाहिने हाथ माने जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह एक बार फिर से गुजरात की राजधानी और अपनी पुरानी सीट गांधीनगर से चुनाव लड़ेंगे. अमित शाह को भाजपा की पहले गुजरात और फिर भारत भर में कामयाबी का एक मजबूत स्‍तंभ माना जाता है, ऐसे दिग्गज नेता का टिकट गांधीनगर से बिलकुल कंफर्म माना जा रहा है. 

भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो बार से लखनऊ के सांसद हैं. राजनाथ सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के करीबी रहे हैं. 72 साल के राजनाथ सिंह का लंबा राजनीतिक सफर है और इस बार पार्टी ने फिर से लखनऊ से टिकट देने का फैसला किया है. 

सीट पुरानी, नई पार्टी से पहली बार उम्‍मीदवारी

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 2002 से लेकर 2019 तक गुना से कांग्रेस के सांसद रहे, जबकि 2019 में वो अपनी सीट हार गए थे. 2020 में वो कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और मध्य प्रदेश से राज्यसभा के सांसद चुने गए. गुना से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया ने 1984 में अटल बिहारी वाजपेयी को हराया था. अब BJP ज्योतिरादित्य सिंधिया को फिर से उनकी पुरानी सीट से अपना उम्मीदवार बना रही है. 

गुरुग्राम से इस बार भी पिछली बार की तरह BJP ने सांख्यिकी एवं क्रियान्वन राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है. राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता राव बिरेंद्र सिंह के बेटे हैं और शूटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करके राष्ट्रकुल खेलों में कांस्य पदक भी जीत चुके हैं. ये लगातार पांच बार से सांसद हैं. गुरुग्राम से इनका टिकट कंफर्म हो चुका है. 

केंद्र सरकार के पूर्व कानून एवं न्याय राज्य मंत्री एसपीएस बघेल को पार्टी ने आगरा से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है. बघेल भाजपा से पहले समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का हिस्सा रह चुके हैं. बघेल फिलहाल आगरा से ही मौजूदा सांसद हैं और माना जा रहा है कि 2024 में भी आगरा से ही पार्टी का चेहरा बनेंगे. 

राज्‍यसभा सांसदों को भी मैदान में उतारेगी पार्टी 

असम BJP के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल फिलहाल केंद्र में आयुष मंत्री और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री हैं. पार्टी ने उन्हें डिब्रूगढ़ से खड़ा करने का फैसला किया है. सर्बानंद सोनोवाल अभी राज्यसभा के सांसद हैं और 2004 में डिब्रूगढ़ से वो असम गण परिषद के टिकट रप चुनाव जीते थे. 

भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष वी मुरलीधरन महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य हैं और पार्टी ने उन्हें तिरुवनंतपुरम ग्रामीण से टिकट देने का निर्णय किया है. वी मुरलीधरन के पास केंद्र में गृह राज्य मंत्री और संसदीय कार्य राज्य मंत्री जैसी अहम जिम्‍मेदारियां हैं. केरल में भाजपा को अब तक एक भी सीट नहीं मिली है और वी मुरलीधरन के जरिए बीजेपी की कोशिश है कि राज्य में उसका खाता खुले. 

मोदी मंत्रिमंडल में एक और मंत्री मनसुख मांडविया भी राज्यसभा सदस्य हैं और इस बार उन्हें भी लोकसभा चुनाव में उतारने की तैयारी है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और रसायन एवं उर्वरक मंत्री को अबकी बार भावनगर से टिकट दिया जा रहा है. 2002 से लेकर 2007 तक मांडविया गुजरात में विधायक रह चुके हैं. भावनगर से उनकी उम्मीदवारी की ख़बर पक्की है. 

संसदीय कार्य मंत्री, कोयला मंत्री और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी 2004 से हुबली-धारवाड़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं और इस बार फिर भाजपा ने हुबली-धारवाड़ से प्रल्हाद जोशी के नाम को मंजूरी दे दी है. 

पश्चिमी दिल्ली से भाजपा के मौजूदा सांसद प्रवेश वर्मा एक बार फिर चुनाव मैदान में पार्टी के नुमाइंदे बन कर उतरेंगे. प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और इस क्षेत्र में उनके पारिवार का काफी असर रहा है. पश्चिमी दिल्ली से प्रवेश वर्मा के नाम को BJP ने हरी झंडी दे दी है. उनका सामना आम आदमी पार्टी के महाबल मिश्रा से होगा. 

भोजपुरी के ‘स्‍टार’, बीजेपी के उम्‍मीदवार 

लोकप्रिय भोजपुरी गायक और अभिनेता मनोज तिवारी दिल्ली में भाजपा के प्रदेशाध्‍यक्ष रह चुके हैं और उन्‍हें इस बार उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भाजपार्टी टिकट दे रही है. मनोज तिवारी इसी निर्वाचन क्षेत्र से 2014 और 2019 में भी चुने गए थे. 2019 में उन्होंने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को मात दी थी. इस बार भी उन्‍हें उत्तर-पूर्वी दिल्ली से टिकट दिया जा रहा है. 

भोजपुरी के एक और सुपरस्‍टार सुपरस्टार रवि किशन हैं. रवि किशन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर से मौजूदा सांसद हैं और उन्हें एक बार फिर वहां से टिकट मिलने जा रहा है. 2014 में रवि किशन कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से लड़े थे, लेकिन 2017 में भाजपा में शामिल हुए और और 2019 में गोरखपुर से BJP के टिकट पर जीत हासिल की. 

इसके साथ ही भोजपुरी फिल्‍मों के लोकप्रिय गायक और अभिनेता पवन सिंह को पार्टी आसनसोल से उम्‍मीदवार बनाने जा रही है. बंगाल तृणमूल कांग्रेस का गढ़ है और आसनसोल से फिलहाल बाबुल सुप्रियो सांसद हैं. खबर है कि TMC शत्रुघ्न सिन्हा को आसनसोल से अपना उम्मीदवार बना सकती है और अगर ऐसा होता है तो बंगाल में दो बिहारियों की टक्कर देखने को मिल सकती है. 

इत्र नगरी से मौजूदा सांसद को टिकट 

सांसद सुब्रत पाठक को BJP एक बार फिर इत्र और सुगंध की नगरी कन्‍नौज सीट से अपना उम्मीदवार बना रही है. 2019 में सुब्रत पाठक ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी डिंपल यादव को शिकस्त दी थी. सुब्रत पाठक भाजपा के पुराने कार्यकर्ता हैं और भाजपा यूथ विंग के अध्‍यक्ष भी रह चुके हैं. पक्‍की खबर है कि वह दोबारा कन्‍नौज से भाजपा उम्मीदवार होंगे. 

पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष एक कर्मठ कार्यकर्ता के तौर पर पश्चिम बंगाल की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते नजर आते हैं. चाहे वो संदेशखाली का मुद्दा हो या राज्य सरकार के विरोध का कोई और मुद्दा. सुकांता मजूमदार ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ विरोध का झंडा बुलंद किया है. सुकांता मजूमदार बालूरघाट से सांसद हैं और इस बार फिर वहां की सीट से जीत कर आने की जिम्‍मेदारी पार्टी उन्हीं के कंधों पर डाल रही है. 

भाजपा के वरिष्ठ नेता फग्गन सिंह कुलस्ते केंद्र में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री और इस्पात राज्य मंत्री हैं. कुलस्ते 6 बार -11वीं, 12वीं, 13वीं, 14वीं, 16वीं और 17वीं लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. वो फिलहाल मध्यप्रदेश के मंडला से सांसद हैं और उसी निर्वाचन क्षेत्र से उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया जा रहा है.  

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव हरीश द्विवेदी दो बार के सांसद हैं. पहली बार वो 2014 में लोकसभा का चुनाव उत्तर प्रदेश के बस्ती से जीते और 2019 में भी बस्ती से ही सांसद चुने गए. द्विवेदी ने 2012 में बस्ती सदर से विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. इस बार पार्टी उन्‍हें हैट्रिक बनाने का मौका दे रही है  यानी बस्ती से उनका टिकट फिर पक्का हो गया है. 

कर्नाटक की दिग्गज BJP नेता शोभा करंदलाजे फिलहाल केंद्र में कृषि राज्य मंत्री और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं. इससे पहले कर्नाटक में भी वो कई मंत्री पद संभाल चुकी हैं. बीच में वो बीएस येदियुरप्पा के साथ बीजेपी छोड़ कर केजेपी में शामिल हुई थीं, लेकिन फिर बीजेपी में वापस आ गईं. शोभा करंदलाजे उडुपी-चिकमंगलुर से मौजूदा सांसद हैं और उनकी पार्टी फिर से उन्हें चिकमंगलूर से उतार रही है. 

पिछली बार हार, संबित पात्रा पर फिर विश्‍वास 

संबित पात्रा की भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर देश भर में पहचान है. वो पेशे से सर्जन हैं और फिलहाल भारतीय पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष पद पर हैं. 2012 में पात्रा BJP में शामिल हुए और अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की. 2019 के लोकसभा चुनाव में वो पुरी से भाजपा उम्‍मीदवार थे, लेकिन चुनाव हार गए थे. इस बार फिर ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से बीजेपी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बना रही है. 

पश्चिम बंगाल में कूच बिहार के मौजूदा सांसद निशित प्रमाणिक केंद्र सरकार में गृह राज्यमंत्री और युवा एवं खेल राज्यमंत्री के पद संभाले हुए हैं. उनका नाम कूचबिहार से पक्का कर दिया गया है. निशित प्रमाणिक भाजपा का युवा चेहरा हैं और पार्टी उन्हें अपनी जीती हुई सीट से दोबारा खड़ा कर रही है. 

पश्चिम बंगाल की अभिनेत्री, नृत्यांगना और सांसद लॉकेट चटर्जी लोकसभा में बंगाल भाजपा का जाना-माना चेहरा हैं. वो पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. 2019 में हुगली से चुन कर आने वाली लॉकेट चटर्जी इस बार फिर हुगली से ही उम्मीदवार बनाई गई हैं. 

सुनीता दुग्गल हरियाणा के सिरसा की मौजूदा सांसद हैं और पार्टी ने उन्‍हें एक बार फिर सिरसा से टिकट देने का फैसला किया है. सुनीता दुग्गल पूर्व अफसर हैं और भारतीय आयकर विभाग में 22 साल तक काम करने के बाद असिस्टेंट कमिश्नर के तौर पर रिटायर हुईं थीं. वहीं उत्तर प्रदेश के बांसगांव से भाजपा ने फिर से कमलेश पासवान को टिकट देने का फैसला किया है. कमलेश पासवान बांसगाव 2019 में भी जीते थे. 

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