Lok Sabha Elections 2024 Smriti Irani on Rahul Gandhi Wayanad Fight BJP K Surendran
Lok Sabha Elections 2024: केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेता स्मृति ईरानी (Smriti Irani) केरल के वायनाड (Smriti In Wayanad) में बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचीं. यहां उन्होंने गांधी परिवार पर निशाना साधा और संघ के कार्यकर्ताओं को याद कर यात्रा शुरू की. केरल की वायनाड सीट पर दूसरे चरण में मतदान होना है. यहां नामांकन का आखिरी दिन गुरुवार (4 अप्रैल) है. इस सीट पर राहुल गांधी पहले ही नामांकन कर चुके हैं. बीजेपी ने के सुरेंद्रन को यहां उम्मीवार बनाया है.
रोड शो में केरल बीजेपी के अध्यक्ष के सुरेंद्रन के साथ स्मृति ईरानी भी शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने कहा “मैं उस लोकसभा क्षेत्र से आई हूं, जहां 50 साल तक गांधी परिवार का राज रहा. आज हम 150 से ज्यादा स्वयं सेवकों के आशीर्वाद के साथ यात्रा शुरू कर रहे हैं, जिन्होंने केरल में लोकतंत्र के लिए अपना बलिदान दिया है.”
VIDEO | Lok Sabha Polls 2024: Here’s what Union Minister Smriti Irani (@smritiirani) said during a roadshow ahead of Kerala BJP president K Surendran’s filing of nomination papers from Wayanad constituency.
“I have come from the constituency where the Gandhi family held power… pic.twitter.com/9AoLHMcIgj
— Press Trust of India (@PTI_News) April 4, 2024
2019 में राहुल को हराया था
स्मृति ईरानी ने 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से राहुल गांधी को हराया था. वह इस सीट से मौजूदा सांसद हैं और पार्टी ने उन्हें दूसरी बार उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी का मानना है कि राहुल गांधी की काट स्मृति ईरानी हैं. शायद इसी वजह से अब केरल की वायनाड सीट पर भी स्मृति को चुनाव प्रचार के लिए भेजा गया है. राहुल 2019 में अमेठी से हार गए थे, लेकिन वायनाड में बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. वायनाड में दूसरे चरण में मतदान होना है. हालांकि, चुनाव के नतीजे सभी 543 सीटों के साथ 4 जून को आएंगे.
केरल में मजबूत है कांग्रेस
केरल में कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत है. 2019 लोकसभा चुनाव में राज्य की 20 में से 15 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थीं. वहीं, सीपीआई (एम) को 1, आईयूएमएस को 2, केसीएम को 1, आरएसपी को 1 सीट मिली थी. बीजेपी यहां कोई सीट नहीं जीत पाई थी और इस बार सत्ताधारी पार्टी के लिए यहां खाता खोलना मुश्किल होगा.
यह भी पढ़ेंः बुंदेलखंड: जहां बारूद के गुबार में छिप गया था लोकतंत्र का सूरज