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Lok Sabha Elections 2024 Picture Of Dimpal Yadav And Varun Gandhi Went Viral | Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव से पहले UP के इन दो सांसदों की तस्वीर वायरल, उठे सवाल


UP Politics: लोकसभा चुनाव के लिए अब 1 साल से भी कम का वक्त बचा है. राजनीतिक दलों की ओर से रणनीतियों पर चर्चा और अमल की तैयारी शुरू हो गई है. इसके साथ ही नए गठबंधन और राजनीतिक दलों की नई बिसातें बिछ रही हैं. इस बीच संसद के मानसून सत्र के दौरान एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है. तस्वीर दो ऐसे नेताओं की हैं जो अलग-अलग दलों से संबंध रखते हैं लेकिन इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं.

यह तस्वीर समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव और भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी की है. दीगर है कि दोनों नेता उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं. एक ओर डिंपल जहां मैनपुरी से सांसद हैं तो वहीं वरुण, पीलीभीत संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.  तस्वीर में देखा जा सकता है कि संसद की लॉबी में दोनों सांसद किसी मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं.

दोनों सांसदों की तस्वीर सामने आने के बाद इस संभावना को और भी बल मिला है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सपा कोई खास रणनीति बना रही है. यूपी की राजनीति में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कोई नकार नहीं सकता है. खासतौर से जब मामला वरुण गांधी से जुड़ा हो.

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वरुण के सवाल पर अखिलेश ने दिए थे ये संकेत
कई मौकों पर पार्टी लाइन से इतर जाकर, अपनी ही सरकार के आलोचना करने वाले बीजेपी सांसद के बारे में कई मौकों पर कहा जा चुका है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं. हालांकि इस पर न तो कभी वरुण ने खुलकर कुछ कहा, न ही उनकी पार्टी ने.

इससे पहले अखिलेश और वरुण, एक दूसरे की कई मौकों पर तारीफ कर चुके हैं. बीते दिनों अखिलेश यादव ने वरुण गांधी से जुड़े एक सवाल पर कहा था-सपा उसी को मैदान में उतारेगी जो कड़ा मुकाबला कर सके.

वरुण ने की थी अखिलेश की तारीफ
इसी साल जनवरी में वरुण गांधी ने किसानों के मुद्दे पर अखिलेश यादव की तारीफ की थी. उन्होंने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा था-“मैंने पूरा उत्तर प्रदेश घूमा है क्योंकि अक्सर अखबारों में लेख लिखता हूं. आपने पढ़े भी होंगे. मैंने एक दिन सोचा कि वो कौन से आर्थिक मानक हैं. जिसके अंतर्गत एक किसान या फिर आम आदमी आ जाए. आखिर क्यों वो आत्महत्या करने पर मजबूर होता है. उस समय शायद अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. मैंने उनको एक चिट्ठी लिखी थी. मैंने कहा था कि मान्यवर इसमें कोई राजनीति नहीं है.”

वरुण गांधी ने कहा था- “लेकिन अगर मुझे प्रशासन से जानकारी मिल जाए कि पूरे उत्तर प्रदेश में कितने लोग हर जिले में इस मानक के अंतर्गत आएं. उन्होंने बड़ा मन दिखाकर सारे अधिकारियों को बोला कि इसमें कोई राजनीति नहीं है. इनकी मदद करिए, ये कुछ करना चाहते हैं. जिसके बाद हमने करीब 42 हजार लोगों की सूची पाई. उसके बाद मैंने सोचा कि इतना बड़ा काम शायद मैं अकेले नहीं कर पाऊंगा. तब मैंने सोचा कि ये काम कैसे हमलोग करत सकते हैं.”

पीलीभीत सांसद ने कहा था, “हमने शुरूआत बिजनौर जिले से की. हम मुरादाबाद गए, फिर अलीगढ़ गए, हाथरस गए और ऐसे ही घूमते घूमते गोरखपुर चले गए. हमने वहां के रइस लोगों से प्रार्थना की कि आपलोग आगे आएं.” ऐसे में वरुण गांधी का कहना है कि परेशान किसानों के लिए कुछ करने में अखिलेश यादव ने उनकी मदद की. जिसके बाद अब वरुण गांधी के कांग्रेस के अलावा सपा से नजदीकियों की चर्चा तेज हो गई है.



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