Lok Sabha Elections 2024 ECI reply to Sending notice of Model Code of Conduct to Presidents of Political Parties | Lok Sabha Elections 2024: चुनाव आयोग ने भेजा सियासी दलों के अध्यक्षों को नोटिस, TMC बोली
Lok Sabha Elections 2024: पांचवें चरण की वोटिंग से पहले भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील की है. ECI ने मंगलवार (14, मई) को कहा कि वह राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं से उम्मीद करता है कि वे चुनाव अभियान के दौरान बातचीत के अच्छे उदाहरण पेश करें. साथ ही वह अपने बयानों से समाज के नाजुक ताने-बाने को खराब न करें.
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के नेताओं से बाकी के चरणों के लिए अपील की और कहा कि वह चुनाव के शेष चरणों में अपने बयानों को सही दिशा दें. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आदर्श आचार संहिता लागू करने पर अपनी दूसरी स्वत: संज्ञान रिपोर्ट में निर्वाचन आयोग ने पार्टी प्रमुखों को नोटिस भेजने के फैसले पर भी सफाई दी.
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
ECI ने कहा, ”आयोग ने 1 मार्च, 2024 से नई एडवाइजरी अपनाई है. इसके तहत सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के पार्टी अध्यक्षों और महासचिवों से आग्रह किया गया है कि वे अपने नेताओं, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों से वे ऐसे भाषण या बयान न देने के लिए कहें, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो.”
‘आचार संहिता का उल्लंघन रोकना पार्टी प्रमुखों की जिम्मेदारी’
भारत निर्वाचन आयोग ने कहा, ”आयोग ने यह विचार रखा है कि जहां एक ओर व्यक्तिगत स्टार प्रचारक/नेता/कैंडिडेट अपने भाषणों के लिए जिम्मेदार बने रहेंगे. वहीं, ECI पार्टी अध्यक्ष/राजनीतिक दल के प्रमुख को मामले-दर-मामले के आधार पर पार्टियों के रूप में संबोधित करेगा, क्योंकि स्टार प्रचारकों को इस तरह के उल्लंघन करने से रोकना पार्टियों की प्रमुख जिम्मेदारी है.”
TMC ने उठाए चुनाव आयोग पर सवाल
हालांकि, इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग से बीजेपी के नेताओं की ओर से आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने को कहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि आदर्श आचार संहिता मोदी आचार संहिता में बदल गया है. टीएमसी सांसद सागरिका घोष और साकेत गोखले ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर सवाल उठाए हैं. टीएमसी ने कहा, “हमने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की है कि चुनाव के शेष चरणों के लिए आदर्श आचार संहिता को सख्ती से लागू किया जाए. साथ ही हर बार चुनाव नियमों का उल्लंघन करने पर प्रधानमंत्री मोदी को क्लीन चिट न दी जाए.”
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