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Lok Sabha Election Exit Polls 2024 Apna Dal Chief Anupriya Patel Make Record this Mirzapur lok sabha seat


एक्जिट पोल के नतीजे के आंकड़ों के मुताबिक, मिर्जापुर लोकसभा सीट से भाजपा और अपना दल (सोनेलाल) के गठबंधन से सांसद अनुप्रिया पटेल चुनाव जीत सकती हैं. जबकि, समाजवादी पार्टी से डॉ. रमेश बिंद इस सीट पर पीछे चल रहे हैं.

एक्जिट पोल के नतीजे के आंकड़ों के मुताबिक, मिर्जापुर लोकसभा सीट से भाजपा और अपना दल (सोनेलाल) के गठबंधन से सांसद अनुप्रिया पटेल चुनाव जीत सकती हैं. जबकि, समाजवादी पार्टी से डॉ. रमेश बिंद इस सीट पर पीछे चल रहे हैं.

मिर्जापुर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल चुनावी मैदान में उतरी हैं. वहीं, एक्जिट पोल के मुताबिक, इस बार अनुप्रिया पटेल का चुनावी समीकरण मिर्जापुर सीट से जीतने की संभावना बनती दिख रही हैं. वे फिलहाल, एनडीए गठबंधन का हिस्सा है. हालांकि, इससे पहले वे मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं.

मिर्जापुर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल चुनावी मैदान में उतरी हैं. वहीं, एक्जिट पोल के मुताबिक, इस बार अनुप्रिया पटेल का चुनावी समीकरण मिर्जापुर सीट से जीतने की संभावना बनती दिख रही हैं. वे फिलहाल, एनडीए गठबंधन का हिस्सा है. हालांकि, इससे पहले वे मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं.

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर लोकसभा सीट में लगातार तीन बार कोई चुनाव नहीं जीत सका है. इस बार अनुप्रिया पटेल के पास मौका है, लेकिन राहें आसान नहीं है. मिर्जापुर लोकसभा सीट पर अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल की समाजवादी पार्टी के रमेश चंद बिंद से सीधी टक्कर हो रही है. वहीं, बसपा के मनीष कुमार त्रिपाठी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे रहे.

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर लोकसभा सीट में लगातार तीन बार कोई चुनाव नहीं जीत सका है. इस बार अनुप्रिया पटेल के पास मौका है, लेकिन राहें आसान नहीं है. मिर्जापुर लोकसभा सीट पर अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल की समाजवादी पार्टी के रमेश चंद बिंद से सीधी टक्कर हो रही है. वहीं, बसपा के मनीष कुमार त्रिपाठी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे रहे.

मिर्जापुर के लोकसभा इतिहास में तीन बार चुनाव में कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं दर्ज कर सका है. कुछ सांसदों ने दो बार चुनाव में जीत दर्ज जरूर किए, लेकिन तीन बार जीत दर्ज करके रिकॉर्ड नहीं बना सके. हालांकि, एक्जिट पोल के नतीजों के अनुसार, इस बार अपना दल पार्टी की चीफ अनुप्रिया पटेल के जीतने की संभावना नजर आ रही है.

मिर्जापुर के लोकसभा इतिहास में तीन बार चुनाव में कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं दर्ज कर सका है. कुछ सांसदों ने दो बार चुनाव में जीत दर्ज जरूर किए, लेकिन तीन बार जीत दर्ज करके रिकॉर्ड नहीं बना सके. हालांकि, एक्जिट पोल के नतीजों के अनुसार, इस बार अपना दल पार्टी की चीफ अनुप्रिया पटेल के जीतने की संभावना नजर आ रही है.

मिर्जापुर जिले की राजनीति में 2014 में अनुप्रिया पटेल की एंट्री हुई. देश में चल रही मोदी लहर में एनडीए गठबंधन से पहली बार चुनाव में उन्हें जीत मिली. मोदी कैबिनेट में उन्हें जगह भी मिली, जहां केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया. साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में दोबारा एनडीए गठबंधन से चुनाव जीतकर सांसद बनी. जहां पुनः उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया.

मिर्जापुर जिले की राजनीति में 2014 में अनुप्रिया पटेल की एंट्री हुई. देश में चल रही मोदी लहर में एनडीए गठबंधन से पहली बार चुनाव में उन्हें जीत मिली. मोदी कैबिनेट में उन्हें जगह भी मिली, जहां केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया. साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में दोबारा एनडीए गठबंधन से चुनाव जीतकर सांसद बनी. जहां पुनः उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया.

मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही हैं. पिछले 10 सालों में मिर्जापुर में काफी बदलाव हुआ है, जिसके कारण अनुप्रिया पटेल चुनाव में आगे दिख रही हैं. वहीं, रमेश बिंद बीजेपी को छोड़ कर सपा में आए हैं. इसलिए सारे तबके रमेश बिंद के साथ जाते नहीं दिख रहे हैं. अनुप्रिया पटेल इस सीट से चुनाव जीतती हुई नजर आ रही हैं.

मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही हैं. पिछले 10 सालों में मिर्जापुर में काफी बदलाव हुआ है, जिसके कारण अनुप्रिया पटेल चुनाव में आगे दिख रही हैं. वहीं, रमेश बिंद बीजेपी को छोड़ कर सपा में आए हैं. इसलिए सारे तबके रमेश बिंद के साथ जाते नहीं दिख रहे हैं. अनुप्रिया पटेल इस सीट से चुनाव जीतती हुई नजर आ रही हैं.

बताया जा रहा है कि मिर्जापुर में पटेल वोटरों की संख्या काफी है. अनुप्रिया पटेल को पटेल वोटरों के साथ सवर्ण वोटर्स ने खुलकर सपोर्ट किया है. रमेश बिंद को इन दोनों समुदाय का वोट काफी कम मिला है. इस सीट में अंदर करंट की बात जो सामने आ रही है तो दलित मतदाता बसपा के साथ भी जाता दिख रहा है ना की सारा वोट सपा के साथ ही जा रहा है. कुल मिलाकर यहां सपा और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई है.

बताया जा रहा है कि मिर्जापुर में पटेल वोटरों की संख्या काफी है. अनुप्रिया पटेल को पटेल वोटरों के साथ सवर्ण वोटर्स ने खुलकर सपोर्ट किया है. रमेश बिंद को इन दोनों समुदाय का वोट काफी कम मिला है. इस सीट में अंदर करंट की बात जो सामने आ रही है तो दलित मतदाता बसपा के साथ भी जाता दिख रहा है ना की सारा वोट सपा के साथ ही जा रहा है. कुल मिलाकर यहां सपा और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई है.

Published at : 02 Jun 2024 09:07 PM (IST)

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