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Lok Sabha Election Dates Likely To Be Announced On Thursday Or Friday: Sources – लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान गुरुवार या शुक्रवार को होने की संभावना : सूत्र


लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान गुरुवार या शुक्रवार को होने की संभावना : सूत्र

चुनाव आयोग इस बात का आकलन करेगा कि क्या लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव भी कराए जा सकते हैं.

नई दिल्ली :

चुनाव आयोग सोमवार से बुधवार तक जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा. यह दौरा इस बात का आकलन करने के लिए हो रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कब हो सकते हैं? सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि इस दौरे के तुरंत बाद लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित किए जाने की संभावना है. चुनवा की घोषणा गुरुवार या शुक्रवार को हो सकती है.

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सुप्रीम कोर्ट की ओर से सितंबर तक केंद्र शासित प्रदेश (UT) में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया गया है. इसी निर्देश पर चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर का दौरा करने जा रहा है. केंद्र ने पैनल से इस बात का आकलन करने के लिए कहा था कि क्या जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ कराए जा सकते हैं?

एक सूत्र ने बताया कि, “एक बार आकलन पूरा हो जाए और बुधवार को दौरा समाप्त हो जाए तो आयोग गुरुवार या शुक्रवार को लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित कर सकता है.”

लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता (model code of conduct) लागू हो जाएगी. इसीलिए घोषणा से पहले पार्टियां युद्धस्तर पर वादे कर रही हैं और परियोजनाओं का उद्घाटन कर रही हैं.

जहां तक जम्मू-कश्मीर में चुनावों का सवाल है, चुनाव आयोग को सुरक्षा प्रतिष्ठानों ने हालात की पूरी जानकारी दी है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अरुण गोयल सहित आयोग का पूरा पैनल केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करेगा.

जम्मू और कश्मीर में अंतिम विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था. साल 2019 में आर्टिकल 370, जिससे इसे विशेष राज्य का दर्जा हासिल था, कर दिया गया था. इसके साथ राज्य को विभाजित भी कर दिया गया था. इससे दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए.

पिछले साल दिसंबर में आर्टिकल 370 को हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था.

साल 2018 के बाद से चुनी हुई सरकार नहीं

जम्मू-कश्मीर में साल 2014 के विधानसभा चुनाव में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और बीजेपी ने गठबंधन सरकार बनाई थी. साल 2018 में बीजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद यह यरकार गिर गई थी. तब से जम्मू-कश्मीर में कोई निर्वाचित सरकार नहीं है.

पीडीपी अब इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. हालांकि फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के यह कहने के बाद हंगामा मच गया है कि वह कश्मीर में सभी तीन सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और जम्मू में दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ देगी.

महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के फैसले को “निराशाजनक” बताया. उन्होंने एनसी पर पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (PAGD) को “मजाक” में बदलने का भी आरोप लगाया. पीएजीडी एनसी और पीडीपी सहित अन्य पार्टियों का गठबंधन है. यह गठबंधन जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति की बहाली की मांग के लिए बना था.



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