Lok Sabha Election: Akshay Kanti Withdraws Nomination From Indore – सूरत के बाद इंदौर में भी उलटफेर, कांग्रेस के अक्षय कांति बम ने वापस लिया परचा, BJP में होंगे शामिल
इंदौर:
Lok sabha elections 2024: मध्य प्रदेश के इंदौर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. यहां से पार्टी के उम्मीदवार अक्षय कांति बम (Akshay Kanti Bam) ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. साथ ही कांग्रेस पार्टी छोड़ अक्षय कांति बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. मध्य प्रदेश के मंत्री और बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स पर पोस्ट कर अक्षय कांति बम के बीजेपी में शामिल होने की जानकारी दी. कैलाश विजयवर्गीय ने पोस्ट करते हुए लिखा “इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार अक्षय कांति बम का बीजेपी में स्वागत है.”
इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी श्री अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी, मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 जी व प्रदेश अध्यक्ष श्री @vdsharmabjp जी के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है। pic.twitter.com/1isbdLXphb
— Kailash Vijayvargiya (Modi Ka Parivar) (@KailashOnline) April 29, 2024
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जानकारी के अनुसार वह कुछ ही देर में आधिकारिक तौर पर बीजेपी में शामिल हो जाएंगे. पिछले 35 साल से इंदौर लोकसभा सीट पर जीत की बाट जोह रही कांग्रेस ने बीजेपी का मजबूत गढ़ कहे जाने वाले इस क्षेत्र में एकदम नये-नवेले चेहरे अक्षय बम (45) को अपना उम्मीदवार बनाया था. इंदौर सीट पर बम की मुख्य चुनावी भिड़ंत बीजेपी के निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी (62) से होनी थी. लालवानी, इंदौर नगर निगम के सभापति और इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
कौन हैं अक्षय कांति बम
बम पेशे से कारोबारी हैं और उनका परिवार शहर में निजी महाविद्यालयों का संचालन करता है. वह जैन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. इस समुदाय के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में करीब दो लाख मतदाता हैं. बम ने अपने राजनीतिक करियर में अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है. बम ने 2023 के विधानसभा चुनावों में इंदौर-4 सीट से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था.
मतदाताओं की तादाद के लिहाज से प्रदेश में सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र इंदौर में 25.13 लाख लोगों को मताधिकार हासिल है. यहां से बीजेपी ने इस बार आठ लाख मतों के अंतर से जीत का नारा दिया है. बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में इंदौर में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था. इंदौर में किसी सीट पर कांग्रेस को जीत नहीं मिली थी. इससे पहले सूरत सीट पर भी ऐसा ही कुछ हुआ था, जहां बीजेपी उम्मीदवार को निर्विरोध जीत मिल गई थी.
सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार का परचा हुआ था रद्द
सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया था. वहीं अन्य उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया था. कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया था कि सूरत लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन पत्र बीजेपी के इशारे पर खारिज किया गया था.
कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन क्यों हुआ रद्द?
निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा था कि कुंभाणी और पडसाला द्वारा सौंपे गए चार नामांकन फॉर्म को प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में प्रथम दृष्टया विसंगतियां पाए जाने के बाद खारिज कर दिया गया. उन्होंने कहा था कि ये हस्ताक्षर असली नहीं लग रहे हैं. आदेश में कहा गया था कि प्रस्तावकों ने अपने हलफनामों में कहा है कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं.
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