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Lok Sabha Election 2024 Ed Action Before 2024 Against Opposition Leader Upa Vs Nda Governmet


ED Action in UPA And NDA: प्रवर्तन निदेशालय (ED) पिछले कुछ समय से लगातार सुर्खियां बटोर रहा है. पिछले तीन दिनों में ईडी ने छापों की झड़ी लगा दी है. इसे संयोग कहें या कुछ और, तीन दिनों तक छापेमारी उन राज्यों में हुई है, जहां पर बीजेपी विरोधी दलों की सरकारें हैं. छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय ने रेड की है. कांग्रेस ने इस पर हमला बोलते हुए कहा है कि बीजेपी हार से घबराकर रेड करवा रही है. तो सवाल ये है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई है या फिर 2024 की राजनीतिक लड़ाई भी लड़ी जा रही है.

इसी साल मार्च में 14 राजनीतिक दलों ने सीबीआई और ईडी की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें विपक्षी दलों ने गिरफ्तारी के पहले और गिरफ्तारी के बाद दिशा निर्देशों की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 95 फीसदी केस विपक्षी नेताओं के खिलाफ हैं. 

ED की जांच के दायरे में 121 नेता, 115 विपक्षी

दिलचस्प आंकड़ा है कि 2014-22 के दौरान ईडी ने 121 नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की, जिनमें 115 विपक्ष से हैं. यानी ईडी की कार्रवाई की लपेटे में आने वालों में 95 फीसदी नेता विपक्ष से आते हैं. वहीं, यूपीए सरकार के दस सालों (2004-14) के बीच 26 राजनेता ईडी की जांच के घेरे में आए थे, जिसमें 14 यानि 54 फीसदी विपक्ष के थे.

पहले मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार और अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के कार्यकाल में ईडी की कार्रवाई पर एक नजर डालते हैं.

मोदी सरकार में कितनी बढ़ी ईडी की सक्रियता?

मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में 2004-14 के बीच ईडी ने 112 छापेमारी की. वहीं, 2014 से 2022 के दौरान एनडीए सरकार के कार्यकाल में ईडी ने 3010 छापे मारे. यानी कि पीएम मोदी के कार्यकाल में ईडी की सक्रियता 2588 प्रतशित तक बढ़ गई. सिर्फ कार्रवाई ही नहीं जब्ती के आंकड़े भी 1759 फीसदी बढ़े हैं. 2004-14 के दौरान ईडी ने 5346 करोड़ कैश जब्त किया, जबकि 2014-22 के दौरान ईडी ने 99356 करोड़ रुपये कैश जब्त किया.

शिकायतों पर एक्शन

अब शिकायतों पर हुई कार्रवाई पर नजर डालते हैं. मनमोहन सरकार (2004-14) के दौरान ईडी ने 104 शिकायतों पर कार्रवाई की, जबकि मोदी सरकार (2014-22) के दौरान ईडी ने 888 शिकायतों पर एक्शन लिया. इस तरह यहां भी 754 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई. 

ED के निशाने पर सबसे ज्यादा कौन?

ईडी के दायरे में आने वाले नेताओं की फेहरिस्त बहुत लंबी है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पी चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम, डीके शिवकुमार, संजय राउत, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, अनिल देशमुख, नवाब मलिक, फारूक अब्दुल्ला, लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, हेमंत सोरेन के नाम ईडी की जांच लिस्ट में हैं.

ईडी ने जिन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है, उनमें सबसे ज्यादा 24 नेता कांग्रेस के हैं. उसके बाद टीएमसी 19, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ईडी ने एक्शन लिया है.

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