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Lok Sabha Election 2024 Bhumihar Vote Bank in Purvanchal UP having Strong hold in Political Arena 


Bhumihar Vote Bank in UP: लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मी के बीच एक ऐसे वोट बैंक की बात करते हैं, जिनकी धमक अलग ही देखने को मिलती है. जी हां हम बात कर रहे हैं भूमिहार वोट बैंक की, जो कि अपनी राजनीतिक पकड़ के कारण जबरदस्त चर्चा में हैं. 

भूमिहारों का शैक्षणिक स्थल हो या बौद्धिक या फिर खेती किसानी से जुड़ा कम यह हर क्षेत्र में मजबूत दिखे हैं इसी के साथ-साथ राजनीति में भी इनकी धमक देखने को मिलती है. यूपी के खासतौर से पूर्वांचल में कुछ ऐसे इलाके हैं जहां पर कई बार भूमिहार समाज के नेता चुनाव जीत चुके हैं. पूर्वांचल के प्रमुख जिले जैसे गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़, बलिया, घोसी, कुशीनगर और भी कई सारे ऐसे जिले हैं जहां पर भूमिहार वोटरों का असर देखने को मिलता है. इनमें से भी कई ऐसी सीट हैं, जहां पर भूमिहार नेताओं का असर ज्यादा प्रभावशाली है और वह है घोसी, बलिया, गाजीपुर और वाराणसी. वहीं पश्चिमी यूपी की बात करें तो गाजियाबाद मेरठ बागपत बिजनौर सहारनपुर में भी भूमिहार त्यागी समाज के लोगों को अनदेखा नहीं किया जा सकता. 

चर्चा में भूमिहार वोट बैंक

भूमिहार वोट बैंक इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि बलिया लोकसभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर इस बार चुनाव में उतरे हैं. उनको लेकर भूमिहारों के बीच उत्सुकता साफ दिखाई देती है. भूमिहारों के इलाकों में बड़ा-बड़ा खेल करते हुए भाजपा ने नारद राय को अपने पक्ष में कर लिया है. इससे नीरज शेखर की दावेदारी और भी ज्यादा मजबूत होती देखी जा रही है. अब यही कारण है कि पूर्वांचल में भूमिहारों की पोजीशन और भी ज्यादा मजबूत हो गई है. भूमिहारों की पकड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव में उतरने वाले अजय राय भी भूमिहार ही है और गाजीपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के नेता अफजाल अंसारी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे पारस राय भी भूमिहार है. 

घोसी लोकसभा सीट पर पकड़ मजबूत

पूर्वांचल की घोसी लोकसभा सीट की बात करें तो यहां पर 12 बार भूमिहार नेता को जीत मिल चुकी है. यहां कल्पनाथ राय चार बार लोकसभा चुनाव जीते थे. इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री भी बने थे. 2019 में बसपा से मैदान में उतरे अतुल राय ने भी चुनाव में अपनी जीत दर्ज की. घोसी ही नहीं बल्कि गाजीपुर में भी चार बार भूमिहार समाज के नेता ही जीतकर संसद गए. तीन बार मनोज सिन्हा और एक बार गौरी शंकर राय गाजीपुर से सांसद रहे. 

समाजवादी पार्टी से भी चुनाव में उतरे भूमिहार नेता

लोकसभा चुनाव 2024 में भूमिहार समाज की ताकत अलग ही दिख रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से अजय राय खड़े हुए हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के नेता कुंवर रेवती रमन सिंह के बेटे उज्जवल रमण सिंह भी इस बार चुनाव में उतरे हैं. घोसी लोकसभा सीट से सपा ने राजीव राय को टिकट दिया है. भाजपा ने गाजीपुर से पारसनाथ राय को चुनाव मैदान में उतारा. 

मंत्रिमंडल में भी शामिल

राजनीति में भूमिहार समाज के पकड़ को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कैबिनेट में भी दो ऐसे मंत्रियों को शामिल किया गया, जो भूमिहार है, जिसमें पहले है सूर्य प्रताप शाही और अरविंद कुमार शर्मा. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के एडवाइजर के तौर पर एके शर्मा भी खूब चर्चा में बने रहे 2017 के चुनाव के बाद मनोज सिन्हा का भी नाम खूब चर्चा में रहा. वह फिलहाल वह जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल है. भाजपा ने पार्टी के भूमिहार नेता अश्विनी त्यागी को पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रमुख बनाया. उन्हें एमएलसी बनाकर त्यागी समाज को अपनी ओर साधने की कोशिश भी की गई और उसके बाद उन्हें पार्टी का प्रदेश महामंत्री भी बनाया गया. 

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