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Lilavati Hospital Mumbai trustees Alleged former trustees for black magic and scam worth crores ANN


Lilavati Hospital Black Magic: मुंबई के मशहूर लीलावती अस्पताल के मौजूदा ट्रस्टियों ने अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों पर घोटाले और काला जादू करने का आरोप लगाया है. आरोप के मुताबिक अस्पताल का निर्माण साल 1997 में प्रशांत मेहता के पिता किशोर मेहता ने करवाया था.

कैसे हुआ घोटाला?

प्रशांत मेहता का कहना है कि 2002-03 में उनके पिता किशोर मेहता इलाज के लिए विदेश चले गए थे जिस दौरान किशोर मेहता के भाई विजय मेहता ने जाली हस्ताक्षर कर लीलावती ट्रस्ट पर कब्जा कर लिया था.

प्रशांत मेहता के मुताबिक विजय मेहता ने इस दौरान अपने बेटे और दूसरे रिश्तेदारों को ट्रस्ट का हिस्सा बनाया. बाद में किशोर मेहता, उनकी पत्नी चारु मेहता और प्रशांत मेहता ने विजय मेहता के खिलाफ असिस्टेंट चैरिटी कमिश्नर के दफ्तर में शिकायत की थी.

यह मामला 20 साल तक चला और नवंबर 2023 में असिस्टेंट चैरिटी कमिश्नर ने फैसला दिया कि लीलावती अस्पताल के ट्रस्ट पर किशोर मेहता, चारु मेहता और उनके बेटे प्रशांत मेहता का हक़ है. हालांकि विजय मेहता के परिवार के द्वारा असिस्टेंट चैरिटी कमिश्नर के इस फैसले को चैरिटी कमिश्नर के यहां चैलेंज किया गया है और इसकी सुनवाई चल रही है.

अस्पताल में करोड़ों रुपये का घोटाला

फिलहाल अस्पताल का ट्रस्ट प्रशांत मेहता के हाथ में ही है. प्रशांत मेहता का कहना है कि जब से ट्रस्ट वापस उनके हाथ में आया है तब से उन्होंने फॉरेंसिक ऑडिट करवाया है और यह उनके फॉरेंसिक ऑडिट में सामने आया है कि अस्पताल में करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है. इस बाबत तीन अलग-अलग FIR दर्ज कराए गए हैं. पहला FIR 12 करोड़ रुपये के घपले का है जबकि दूसरा FIR 44 करोड़ रुपये के घपले का है और 2 दिन पहले तीसरा फिर दर्ज कराया गया है जिसमें करीब 1250 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है.

प्रशांत मेहता ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में प्रोक्योरमेंट डिपार्टमेंट होने के बावजूद पूर्व ट्रस्टियों ने बाहर की कंपनी से सामान लेने के नाम पर यह घोटाला किया है. मुंबई की बांद्रा पुलिस थाने में यह तीनों FIR दर्ज किए गए हैं और यह मामला आगे के जांच के लिए EOW को ट्रांसफर कर दिया गया है.

कैबिन में किया गया काला जादू?

प्रशांत मेहता की तरफ से यह भी आरोप लगाया गया कि पूर्व ट्रस्टियों ने ट्रस्ट के अध्यक्ष के बैठने वाले कैबिन में काला जादू किया है. प्रशांत मेहता वह अभी जिस केबिन में बैठ रहे हैं वहां के बारे में अस्पताल के कुछ पूर्व कर्मचारियों ने उन्हें बताया था कि इस कमरे में काला जादू किया गया है. इसके बाद प्रशांत मेहता ने उसे कमरे की खुदाई कराई और फर्श के नीचे से 8 कलश मिले जिसमें इंसानी हड्डियां, बाल और काला जादू में इस्तेमाल किए जाने वाले अलग-अलग समान मिले हैं.

प्रशांत मेहता के मुताबिक उन्होंने इस खुदाई की वीडियोग्राफी भी करवाई है और इंडिपेंडेंस विटनेस को भी उसे दौरान यहां पर मौजूद रखा था. काला जादू के बाबत भी एक शिकायत बांद्रा पुलिस थाने में लीलावती अस्पताल के तरफ से की गई है.

हालांकि पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है. लीलावती अस्पताल के मुताबिक उन्होंने काला जादू के मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद कोर्ट खुद इस मामले की इंक्वारी कर रही है और अगर कोर्ट को लगा कि  इस मामले में एफआईआर दर्ज किया जाए तो कोर्ट पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दे सकती है.

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