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LG-Kejriwal Tussle Over Delhi Cabinet Reshuffle Atishi May Get Additional Charge – कैबिनेट में फेरबदल को लेकर LG-केजरीवाल में तनातनी, आतिशी को मिल सकता है अतिरिक्त प्रभार



इस बीच, मंत्रिमंडल में फेर-बदल की फाइल को लेकर विवाद पैदा हो गया है. सरकार के अधिकारियों का दावा है कि यह फाइल उपराज्यपाल के पास रूकी हुई है, जबकि उपराज्यपाल कार्यालय ने इस आरोप का खंडन किया है.

गौरतलब है कि मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन के इस्तीफे के बाद मार्च में आतिशी और सौरभ भारद्वाज को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. आतिशी के पास बिजली, शिक्षा, कला संस्कृति और भाषा, पर्याटन, उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण, तकनीकी शिक्षा और जनसंपर्क विभागों का प्रभार है.

मंत्रिमंडल में इस संभावित फेरबदल के बाद आतिशी को कुल 12 विभागों का प्रभार मिलने की संभावना है. फिलहाल वित्त, योजना और राजस्व विभाग कैलाश गहलोत के पास हैं. आबकारी घोटाले से जुड़े मामले में सिसोदिया की गिरफ्तारी और उनके इस्तीफे के बाद योजना और वित्त विभाग का प्रभार कैलाश गहलोत को सौंपा गया था. सिसोदिया फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं.

सरकार के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मंत्रिमंडल के फेर-बदल में आतिशी को वित्त, योजना और राजस्व, तीन विभागों का प्रभार मिल सकता है. उन्हें हाल ही में एक जून को जनसंपर्क विभाग का प्रभार सौंपा गया था, जो पहले कैलाश गहलोत के पास था.” इस बीच आप सरकार ने दावा किया है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल की फाइल पिछले चार दिनों से उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना के पास हस्ताक्षर के लिए अटकी है. हालांकि, उपराज्यपाल कार्यालय ने इस आरोप से इनकार किया है.

सरकार के एक सूत्र ने बृहस्पतिवार को बताया कि इन बदलावों को मंजूरी देने संबंधी फाइल पिछले चार दिन से उपराज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए अटकी है. सूत्र ने मंत्रिमंडल में इस बदलाव को ‘व्यापक’ करार देते हुए कहा, ‘‘इन बदलावों को मंजूरी देने संबंधी फाइल पिछले चार दिन से उपराज्यपाल के पास है. उनके पूर्ववर्ती अनिल बैजल ऐसी फाइल को आधे घंटे में मंजूरी दे दिया करते थे.”

हालांकि, उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने आरोपों को खारिज कर दिया और बताया कि फाइल पर बुधवार को हस्ताक्षर किये जाने के बाद उसे सरकार को भेजा जा चुका है. हालांकि, उपराज्यपाल कार्यालय के दावे को खारिज करते हुए आप के एक सूत्र ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट कर दूं कि उपराज्यपाल ने मंत्रिमंडल में फेर-बदल के लिए प्रस्ताव को कोई मंजूरी नहीं दी है. विनम्र निवेदन है कि मीडिया अफवाहों पर भरोसा ना करे.”

उसने कहा, ‘‘अगर उपराज्यपाल कार्यालय अभी भी इस आधारहीन दावे पर अड़ा हुआ है तो वह आदेश की प्रति या अन्य कोई संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत करे.”

 



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