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Leaders Of Opposition Alliance Gathered In INLD Rally In Haryana – INLD की रैली में जुटे विपक्षी गठबंधन के कई बड़े नेता, BJP के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का फूंका बिगुल



ऐसी अटकलें थीं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और माकपा नेता सीताराम येचुरी भी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं. इस आयोजन को पिछले कुछ सालों से शक्ति प्रदर्शन के अवसर के तौर पर देखा जाता है.

इनेलो नेता अभय चौटाला ने रैली के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी आमंत्रित किया था, लेकिन वो नहीं पहुंचे.

रैली में शिरकत करने वाले अन्य नेताओं में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के डेरेक ओब्रायन, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) नेता के सी त्यागी, भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और राष्ट्रीय लोक दल के एस सिद्दीकी शामिल थे. शिअद नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा और बलविंदर सिंह भुंडर भी रैली का हिस्सा थे.

इस आयोजन को इनेलो द्वारा शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा गया, जो 2005 से हरियाणा की सत्ता से बाहर है.

सभा को संबोधित करते हुए, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अब्दुल्ला ने देश के सभी विपक्षी दलों से 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए अपने मतभेदों को भूलाकर एक साथ काम करने के लिए कहा. उन्होंने कहा, ”मैं देश के सभी विपक्षी नेताओं से कहना चाहता हूं कि जब हम मिलकर लड़ेंगे, तभी हम जीत सकते हैं.”

अब्दुल्ला ने कहा, ”मैं नेताओं से कहना चाहता हूं कि अपने मतभेदों को भूल जाएं और इस सोच के साथ आगे बढ़ें कि अगर हमें देश को आगे ले जाना है तो हमें मिलकर भाजपा को हराना होगा।.”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत बुरे दौर से गुजर रहा है. उन्होंने कहा, “सभी धर्म सही हैं. न तो किसी हिंदू को मुस्लिम से खतरा है और न ही मुस्लिम को हिंदू से… खतरा उन लोगों से है जो नफरत फैलाने और हमें बांटने की कोशिश कर रहे हैं.”

जदयू के केसी त्यागी ने हरियाणा में इनेलो का समर्थन करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “हरियाणा में अगर कोई भी लड़ाई जीतनी है तो ओम प्रकाश चौटाला और इनेलो का साथ देना होगा. हम हरियाणा में भाजपा के हाथों 10 (लोकसभा) सीट हारने के लिए तैयार हैं, लेकिन सीट साझा करने के लिए तैयार नहीं हैं. यह क्या तर्क है?” फिलहाल इनेलो ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जब तक पूर्ण एकता नहीं होगी, तब तक भाजपा सरकार को हराना आसान नहीं होगा और ये एकता इनेलो के बिना हासिल नहीं की जा सकती.’

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद ओब्रायन ने भी केंद्र की सत्ता से भाजपा को हटाने के लिए एक साथ आने और मिलकर लड़ने का आह्वान किया. टीएमसी नेता ने कहा, “2024 के लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया’ को जिताने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा को हटाने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ मिलकर लड़ना चाहिए.” उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने वादे पूरे नहीं करते हैं. उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक को एक और ‘जुमला’ बताया.

इस अवसर पर शिअद प्रमुख बादल ने सभी क्षेत्रीय दलों से देश में अगली सरकार बनाने के लिए एक मंच पर एकजुट होने का आग्रह किया. बादल ने कहा, ‘हमने उन सभी राज्यों में तेज प्रगति देखी है, जहां क्षेत्रीय दल राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाते हैं, जैसे शिअद, इनेलो और नेशनल कॉन्फ्रेंस.’

उन्होंने लोगों से आम आदमी पार्टी (आप) जैसे कुछ नए दलों पर विश्वास नहीं करने का भी आग्रह किया, जिसने पंजाब को ‘बर्बाद’ कर दिया है और राज्य को कर्ज के जाल में फंसा दिया है.

बादल ने कहा, ”आज कुछ दल मतों का ध्रुवीकरण करने के लिए सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. देखिए मणिपुर और नूंह (हरियाणा) में क्या हुआ. भारत इस तरह प्रगति नहीं कर सकता. इस देश में सभी अल्पसंख्यकों को सुरक्षित महसूस कराने की जरूरत है.”

पिछले हफ्ते संसद से पारित हुए महिला आरक्षण विधेयक को अब्दुल्ला ने भाजपा का ‘जुमला’ बताया. उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ये उसी तरह का जुमला है जैसे भाजपा ने दावा किया था कि हर शख्स के बैंक खाते में 15 लाख रुपये आएंगे.’ अब्दुल्ला ने भाजपा सरकार पर जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं कराने का भी आरोप लगाया.



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