Lawrence Bishnoi biggest enemy Bambiha Gang how grew in india 4 state with 100 shooters
Bambiha vs Lawrence Bishnoi: दिल्ली के रानी बाग इलाके में एक बिजनेसमैन से 10 करोड़ रुपये की वसूली और फिर उसके घर पर करीब आठ राउंड फायरिंग करने के बाद इन दिनों बंबीहा गैंग सुर्खियों में है. जांच एजेंसी बंबीहा सिंडिकेट के संचालन और सदस्यों की पहचाक कर उन पर शिकंजा कर रही है. इस गैंग की पहचान अलग-अलग क्षेत्रों में गोलीबारी और हत्या की घटनाओं को अंजाम देने के रूप में है. इस बीच जांच एजेंसी ने बंबीहा गैंग के 100 से अधिक सदस्यों के ठिकानों पर और उसके संचालन के क्षेत्रों का पता लगाया है.
क्षेत्र के हिसाब से बंटा है बंबीहा गैंग
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का विरोधी बंबीहा गैंग पर हाल ही में जारी एक डोजियर के अनुसार भारत में उसका संचालन प्रमुख कौशल चौधरी और उसका सहयोगी अमित डागर है, जो गुड़गांव और हरियाणा के अन्य हिस्सों का प्रभारी है. जेल में बंद गैंगस्टर नीरज बवाना और नवीन बाली सहित उसके सहयोगी मुख्य रूप से बाहरी दिल्ली और रोहिणी क्षेत्रों में काम करता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिस डॉक्यूमेंट में कहा गया, “यमुनानगर, चंडीगढ़ और आसपास का इलाके भूप्पी राणा के अधीन है. सुखप्रीत बुड्डा पंजाब के बाकी हिस्सों का काम देखता है. इस गैंग का सदस्य कनाडा का अर्शदीप सिंह गिल, जिसे अर्श दल्ला के नाम से भी जाना जाता है और अमेरिका में रहने वाला पटियाल विदेश से सभी ऑपरेशन को मैनेज करता है.”
दविंदर की मौत के बाद गैंग की जिम्मेदारी किसने संभाली
पुलिस डॉक्यूमेंट में बताया गया कि इस गैंग के सरगना दविंदर एक लोकप्रिय कबड्डी खिलाड़ी हुआ करते थे, लेकिन फिर एक कत्ल के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था और जेल हो गई. जेल में ही दविंदर, बंबीहा के नाम से मशहूर हो गया और यहां उसकी कई गैंगस्टरों से जान-पहचान हुई. दविंदर बंबीहा की सितंबर 2016 में गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद कौशल चौधरी इस गैंग का हिस्सा बन गया.
मुठभेड़ में मारे जाने से पहले दविंदर ने कौशल चौधरी और अमित डागर को गुड़गांव में पनाह दी और भविष्य के लिए गैंग को मजबूत करने की नींव रखी थी. दविंदर की मौत के बाद, रोहिणी जेल में बंद डागर ने व्हाट्सएप के जरिए लकी पटियाल से संपर्क किया और गैंग को और मजबूत किया. संगरूर जेल में कौशल चौधरी बंबीहा गैंग के मुख्य शख्स फतेह नगरी के संपर्क में आया और साथ मिलकर काम करने लिए सहमत हुए.
एनआईए की ओर से दाखिल चार्जशीट में कहा गया, इसके बाद नीरज बवाना/नवीन बाली, टिल्लू ताजपुरिया गिरोह, सुनील राठी गैंग और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के छेनू पहलवान गिरोह सहित विभिन्न गिरोहों के सदस्यों ने बंबीहा गैंग के साथ तालमेल बैठाना शुरू कर दिया. इसका उद्देश्य पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेरी आतंकी गैंगस्टर सिंडिकेट के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करना और अपना प्रभाव बढ़ाना था.
दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान में बढ़ाया संपर्क
पुलिस डॉक्यूमेंट में कहा गया, “2021 तक, बंबीहा गिरोह के मुख्य सहयोगी दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान समेत कई क्षेत्रों के गिरोहों के संपर्क में आ गए. अपने प्रभाव क्षेत्र और संचालन को बढ़ाने के इरादे से वे अपनी योजनाओं को अंजाम देने के लिए एक साथ काम करना शुरू कर दिया. जेलों के भीतर से वे लगातार फोन पर बैठकों में शामिल होते थे. जब-जब इसके बीच बैठकें हुई है तब-तब कोई बड़ी घटनाएं घटी है.”
मार्च 2021 में, बंबीहा सिंडिकेट ने थाईलैंड से अपने सहयोगी दिनेश गांधी की ओर बनाए प्लान के तहत दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया. उसी साल अगस्त में, बंबीहा ने शिरोमणि अकाली दल के एक युवा नेता विक्की मिकी खेड़ा की हत्या को अंजाम दिया. सितंबर 2021 में बंबीहा ने अपने प्रतिद्वंद्वी जितेंद्र गोगी को बाहर निकालने में ताजपुरिया सिंडिकेट का साथ दिया, जो लॉरेंस बिश्नोई के गैंग का था. जितेंद्र गोगी को रोहिणी कोर्ट में सरेआम गोली मार दी गई थी.
लॉरेंस बिश्नोई और बंबीहा के बीच गैंगवार
बंबीहा गैंग ने मार्च 2022 में कबड्डी खिलाड़ी संदीप अंबिया की हत्या कर दी. मई 2022 में बिश्नोई ने पंजाब में सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी. इसके बाद बांबीहा ने जवाबी हमला किया और चार महीने बाद उसी साल सितंबर में राजस्थान में संदीप बिश्नोई की गोली मारकर हत्या कर दी.
जनवरी 2024 में बंबीहा ने बिश्नोई गिरोह के गुर्गे राजन का अपहरण कर यमुना नगर में उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी. बांबीहा गैंग के लोगों ने राजन के हाथ-पैर बांध दिए गए और गोली मारने से पहले उसे आग लगा दी. यह बिश्नोई और उसके गुर्गों को एक संदेश भेजने के लिए किया गया था.
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