Kumbh Mela 2025 Maghi Purnima Rush in Train Overcrowd at Buxar Katihar Gaya Nawada Railway Station ANN
Kumbh Mela 2025: महाकुंभ में माघी पूर्णिमा के स्नान को लेकर भक्तों का जनसैलाब उमड़ा है. हर तरफ श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे हैं. इससे पहले मंगलवार (11 फरवरी) को बिहार के अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. भीड़ के सामने पुलिस भी बेबस नजर आई. आलम यह था कि ट्रेनों में पांव रखने की भी जगह नहीं थी. जनरल डिब्बों को छोड़िए एसी कोच में ठेलमठेल वाली स्थिति थी. लोग ट्रेनों में भेड़-बकरियों की तरह बैठे या खड़े दिखे.
नवादा में बाल-बाल बची महिला
नवादा में हावड़ा-गया एक्सप्रेस ट्रेन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. ट्रेन में चढ़ने के दौरान एक महिला गिरते-गिरते बची. यात्रियों ने चेन खींचकर ट्रेन को रोका और महिला को सुरक्षित चढ़ाया. श्रद्धालुओं ने बातचीत के दौरान बताया कि हमें कुंभ जाकर स्नान जरूर करना है. बहुत लोग तो हावड़ा-गया एक्सप्रेस में चढ़कर चले गए लेकिन कई लोग ऐसे भी थे जो भीड़ देखकर चढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा सके.
गया में प्लेटफार्म पर जाने का रस्ता जाम
गया रेलवे जंक्शन पर भी महाकुंभ जाने वाले लोगों की भीड़ उमड़ने से प्लेटफॉर्म पर जाने का रास्ता जाम रहा. गया से नई दिल्ली जाने वाली महाबोधी एक्सप्रेस प्लेटफार्म संख्या-2 पर जैसे ही पहुंची तो भीड़ अनियंत्रित हो गई. ट्रेन आते ही श्रद्धालु इमरजेंसी खिड़की से अंदर जाने लगे. जनरल से लेकर एसी कोच तक पहले से भरे थे. लोग कोच के दरवाजे से लटकर यात्रा करने को मजबूर थे. यहां तक कि टॉयलेट में लोग सफर कर रहे हैं.
कटिहार में ट्रेन के शीशे तक तोड़े
कटिहार रेलवे स्टेशन पर कुछ लोग ट्रेन में नहीं चढ़ पाए तो आक्रोश में सोमवार की रात सीमांचल एक्सप्रेस के स्लीपर कोच शीशे तोड़ दिए. यात्रियों ने बताया कि स्लीपर डिब्बे में बैठे यात्री दरवाजा नहीं खोल रहे थे. कुछ यात्रियों का टिकट उसी कोच में थे. धक्का-मुक्की और भाग-दौड़ के क्रम में शीशा टूट गया. बाद में रेल पुलिस ने यात्रियों को समझाकर शांत करया. फिर ट्रेन आगे के लिए चली.
‘चाहे कितनी भी भीड़ हो, हम जाएंगे’
दूसरी ओर बक्सर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखी. सत्यम और सुभाष साहू नाम के दो यात्रियों ने बताया कि उन्हें दिल्ली परीक्षा देने जाना था. उन्होंने ट्रेन का टिकट भी बुक किया था लेकिन एसी बोगी में भारी भीड़ होने की वजह से वे ट्रेन में नहीं बैठ पाए. एक महिला श्रद्धालु मुन्नी देवी ने बताया, “चाहे कितनी भी भीड़ हो, हम गंगा स्नान करने जाएंगे. यह अवसर 144 साल बाद आया है.”
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