News

Kolkata Doctor Rape Murder Case West Bengal Legislative Assembly anti-rape bill proposes death penalty for heinous crimes


Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और फिर उसकी हत्या की घटना से पूरा देश स्तब्ध है. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाने की मांग की जा रही है. इस बीच ममता सरकार ने मंगलवार (3 सितंबर) को पश्चिम बंगाल विधानसभा में प्रस्तावित बलात्कार विरोधी विधेयक पेश करेगी. जिसमें रेप के मामले में दोषी पाए गए शख्स के लिए मृत्युदंड का प्रावधान होगा, यदि उनके कामों के कारण पीड़िता की मौत हो जाती है या वह कोमा में चली जाती है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी मसौदे में कहा गया है कि रेप और गैंगरेप के दोषियों को उनके बचे हुए जीवन के लिए आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी. ‘अपराजिता महिला और बाल विधेयक, (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन) विधेयक 2024’ नाम के इस बिल का उद्देश्य रेप से जुड़े नए प्रावधानों को बदलाव और पेश करके महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करना है.

BILL का मकसद महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाना

हाल ही में लाए गए भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 कानूनों और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 में संशोधन का प्रस्ताव है. इस दौरान “पश्चिम बंगाल राज्य में उनके आवेदन में दंड को बढ़ाने और महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा के जघन्य कृत्य की त्वरित जांच और सुनवाई के लिए रूपरेखा तैयार करने के लिए है. इस बिल को लाने का मकसद राज्य में महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है.

रेप मामलों में प्रारंभिक रिपोर्ट 21 दिनों के भीतर पूरी की जाए

बताया जा रहा है कि प्रस्तावित विधेयक कानून जांच और अभियोजन प्रक्रिया में भी बदलाव करता है. जिसके तहत रेप के मामलों की जांच शुरुआती रिपोर्ट के 21 दिनों के भीतर पूरी की जानी है, जिसे 15 दिनों तक बढ़ाया भी जा सकता है. इसमें जिला स्तर पर एक ‘स्पेशल टॉस्क फोर्स’ की स्थापना का भी सुझाव दिया गया है, जिसे ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ कहा जाएगा, जिसका नेतृत्व डिप्टी एसपी लेवल के अधिकारी करेंगे. जो नए प्रावधानों के तहत अपराधों की जांच करेगा.

पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए स्पेशल यूनिटों को कई संसाधनो से किया लैस

इस विधेयक में “जांच में तेजी लाने और पीड़ितों के लिए तत्काल न्याय दिलाने के लिए स्पेशल कोर्ट और इन्वेस्टिंगेशन टीम की स्थापना की जाएगी. इस अपराजिता टास्क फोर्स की यूनिटों को महिलाओं के साथ रेप और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों को प्रभावी ढंग से और समय पर संभालने के लिए जरूरी संसाधनों से लैस किया जाएगा. जिससे पीड़ितों और उनके परिवारों द्वारा अनुभव किए जाने वाले परेशानी को कम किया जा सके.

यह भी पढ़ें: ED Raid on Amanatullah Khan LIVE: अमानतुल्लाह खान को ED ने किया गिरफ्तार, सुबह से चल रही थी घर पर रेड



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *