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Kolkata Doctor Rape Murder Case IMA Letter to pm modi on security concern list of demands ann


Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त 2024 को ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और फिर हत्या की घटना ने चिकित्सा जगत और देश को हिला दिया. इस घटना के बाद से डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर देशभर के मेडिकल स्टाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अह्वान पर देश भर के डॉक्टर 24 घंटे की हड़ताल पर हैं. इस दौरान सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी. इस बीच आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कई मांगें रखी.

आईएमए ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में भीड़ की ओर से की गई तोड़फोड़ की भी जिक्र किया. आईएमए ने कहा कि अस्तपाल के विभिन्न हिस्सों को नुकसान पहुंचाया गया, जिसमें पीड़िता के शव को रखा गया था. डॉक्टर्स की सुरक्षा पर चिंता जाहिर करते हुए आईएमए ने कहा कि डॉक्टर, खासकर महिलाएं, अपने पेशे की प्रकृति के कारण हिंसा के प्रति अधिक संवेदनशील हैं.

NDA सरकार से कर्रवाई की मांग की

आईएमए ने कहा, “डॉक्टर ने देश भर के डॉक्टर्स ने आज गैर-जरूरी सेवाओं को वापस ले लिया है और केवल इमरजेंसी और कैजुअल्टी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. यह हड़ताल डॉक्टर्स की सुरक्षा की मांग को लेकर की जा रही है.” आईएमए ने कहा कि डॉक्टर्स ने सरकार से मांग की है कि वे अस्पतालों और परिसरों में डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए कार्रवाई करें.

आईएमए की पांच बड़ी मांगें 

1. 1897 के महामारी रोग अधिनियम में 2020 के संशोधनों को द हेल्थकेयर सर्विसेज पर्सनेल एंड क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स (प्रोहिबिशन ऑफ वायलेंस एंड डैमेज टू प्रॉपर्टी बिल 2019) के मसौदे में शामिल करने वाले एक केंद्रीय अधिनियम से मौजूदा 25 राज्यों के कानूनों को मजबूती मिलेगी.

2. सभी अस्पतालों के सुरक्षा प्रोटोकॉल हवाई अड्डे जैसे होने चाहिए. अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना और सुरक्षा प्रावधानों को अनिवार्य करना पहला कदम है. सीसीटीवी, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल इसके बाद हो सकते हैं.

3. पीड़िता द्वारा की जा रही 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट और सुरक्षित स्थानों की कमी और पर्याप्त आराम कक्षों की कमी निवासी डॉक्टर्स के कार्यकारी और रहने की स्थितियों की पूरी तरह से समीक्षा करने की मांग करती है.

4.  अपराध की सावधान और पेशेवर जांच एक समयसीमा में और न्याय का प्रावधान करना.

5.  पीड़ित परिवार को क्रूरता के अनुसार उपयुक्त और गरिमापूर्ण मुआवजा देना.

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