Know about village and family of Manoj Bharti president of Jan Suraaj Prashant kishor ANN
Manoj Bharti President Of Jan Suraaj: पटना से अचानक एक खबर आती है और पूरे बिहार के लोगों का ध्यान मधुबनी पर केंद्रित हो जाता है, क्योंकि मधुबनी के एक लाल को पटना में बीते बुधवार (02 अक्टूबर) को जन सुराज पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया. जन सुराज पार्टी के सुप्रीमो प्रशांत किशोर ने आधिकारिक रूप से पार्टी को लॉन्च किया और जन सुराज के स्थापना दिवस पर मधुबनी के रहने वाले दलित समुदाय के मनोज भारती को पार्टी का पहला कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया.
गांव में किसी को नहीं थी अध्यक्ष बनने की खबर
पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने खुद मनोज भारती के नाम की घोषणा की थी. मनोज भारती मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड के छोटे से गांव खिरहर से ताल्लुक रखते हैं. गांव में किसी को मनोज के जनसुराज के अध्यक्ष बनने की खबर नहीं थी, लेकिन पटना में जनसुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने उनके नाम की घोषणा हाथ जोड़कर कर की. ग्रामीणों ने बताया कि मनोज भारती शिक्षित परिवार से हैं.
मनोज भारती के करीबी मित्रों में से एक खिरहर बाजार निवासी डॉ० मनोज कुमार झा ने बताया कि वे पहले भारतीय राजदूत के पद पर बेलारूस, यूक्रेन, तुर्की, इंडोनेशिया, तिमोर लेस्ते एवं अन्य देशों में सेवा दे चुके हैं. मनोज भारती इंडियन फॉरेन सर्विस (IFS) सेवा से राजदूत बन पद से सेवा निवृत हो चुके हैं. ग्रामीण डॉक्टर मनोज झा बताते हैं कि वे मनोज भारती को पिछले करीब 20 वर्षों से जानते हैं.
वे अमूमन दो चार साल में एक बार एक दो दिन के लिए गांव आते थे. जब भी वे गांव आते हैं, तो हमेशा पूरा गांव जरूर घूमते हैं. लोगों से मिलते हैं और यहां के विकास पर बात करते रहते हैं. लॉकडाउन में गांव के विकास के लिए योजना बनाई थी. जनसुराज के नवनियुक्त अध्यक्ष मनोज भारती के अध्यक्ष बनने से उनके पैतृक गांव खिरहर में खुशी का माहौल है. जहां कहीं भी विकास की बात होगी तो हम सब लोगों से कहेंगे कि उनको आगे बढ़ाने का काम करें, जिससे यहां के साथ-साथ पूरे गांव का विकास हो.
इधर गांव में उनके चचेरा भाई अमरेंद्र कुमार महतो इलेक्ट्रॉनिक दुकान चलाते हैं, गांव के लोगों को मनोज भारती के बारे में सुनकर काफी खुशी हो रही है. परिजनों ने कहा पूरा परिवार अभी सम्मिलित है. ये लोग बाहर ही रहते हैं कभी कभार गांव आते हैं. तीन वर्ष पूर्व चाइना से लौटने के दौरान वाया पटना होते हुए गांव आए थे. लॉकडाउन में जब वे आए थे तो उन्होंने गांव के विकास को लेकर एक योजना बनाई थी. भाई ने कहा कि अब जनसुराज में जुड़ गए हैं तो निश्चित तौर पर गांव के विकास को लेकर जरूर कुछ करेंगे.
ग्रामीण युगल किशोर चौधरी, डीलर विजय कामत समेत कई ग्रामीण बताते हैं कि उनकी प्रारम्भिक पढ़ाई लिखाई गांव में ही हुई. उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए नेतरहाट एवं पटना चले गए. उन्होंने नेतरहाट आवासीय विद्यालय से उच्च माध्यमिक की शिक्षा हासिल की और फिर आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) से बीटेक (इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स) किया. उन्होंने आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) से एमटेक की पढ़ाई की है. 1988 में यूपीएससी क्वालीफाई कर भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी बने.
मनोज भारती के एक भाई डीएम हैं, तो दूसरे डॉक्टर
विदेश मंत्रालय में सचिव (प्रशासन) के रूप में कार्य किया. राजदूत के अलाव वे पहले म्यांमार, तुर्किये, नेपाल, नीदरलैंड और ईरान में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. उनका पूरा परिवार पढ़ा लिखा है, नौकरी करता है और बाहर रहता है. मनोज भारती तीन भाई हैं. उनके अलावे एक भाई डीएम हैं, तो दूसरा डॉक्टर हैं. मनोज भारती खुद अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनके पिता स्व० धनाई महतो कृषि एवं बिजली विभाग में इंजीनियर थे. जनसुराज के प्रथम अध्यक्ष बनने से परिजनों और ग्रामीणों में काफी हर्ष है. ग्रामीणों की माने तो अध्यक्ष बनने से इलाके का विकास होगा.
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