Kirori Lal Meena Rajasthan Cabinet Minister Reaction On Dausa Borewell Incident
Rajasthan Borewell Incident: राजस्थान के दौसा जिले में बोरवेल में गिरे 5 साल के बच्चे को बचाने का अभियान मंगलवार (10 दिसंबर) को दूसरे दिन भी जारी रहा. इस बीच राज्य के कृषि और ग्रामीण मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा कालीखाड़ में घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने इस घटना को बड़ी लापरवाही करार दिया. मंत्री ने कहा कि इस तरीके की घटना फिर से ना हो इसके लिए देश में कड़े कानून बनाने की जरूरत है.
राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने आगे कहा, ”29 घंटे से भी अधिक का समय हो गया है. अब सवाई माधोपुर से बड़ी मशीन मंगाई गई है. प्रशासन की तरफ से पूरा प्रयास किया जा रहा है. अधिकारी अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं. NDRF की टीम जुटी हुई है. कामना करते हैं कि बच्चा जिंदा निकले.”
Dausa: On the child who fell into a borewell, Rajasthan Cabinet Minister Dr. Kirori Lal Meena says, “I got a bit late because we had a summit in Rajasthan, and today our department had its presentation. After it concluded, I came here. Two special machines have been brought in… pic.twitter.com/z3jh7eEmiQ
— IANS (@ians_india) December 10, 2024
ये लापरवाही का सबसे बड़ा सबूत- किरोड़ी लाल मीणा
उन्होंने ये भी कहा, ”दौसा जिला प्रशासन के साथ मैं सुबह से संपर्क में था. राजस्थान में समिट थी और आज हमारे विभाग का प्रेजेंटेशन था. उसके समापन के बाद मैं यहां आया हूं. जो बड़ी मशीन आई है, वह बहुत कम समय में अपने टारगेट पर पहुंच जाएगी. देशभर में इस तरह की घटनाएं होती हैं, खुले बोरवेल में बच्चे गिरते हैं और ये लापरवाही का सबसे बड़ा सबूत है. पूरा प्रशासन यहां लग जाता है. इस पर कोई न कोई कानून बनना चाहिए ताकि ऐसे हादसे नहीं हों.”
10 दिसंबर को बोलवेल में गिरा बच्चा
दरअसल, सोमवार (10 दिसंबर) को दोपहर बाद करीब 3:30 बजे आर्यन नाम का लड़का खेलते समय बोरवेल में गिर गया था. तभी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बोरवेल के बगल में एक गड्ढा खोदा जा रहा है. मासूम 160 फीट गहरे बोरवेल में करीब 150 फीट पर अटका हुआ है. बोरवेल के समीप खुदाई कर बच्चे तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.
करीब 10 जेसीबी और ट्रैक्टर से तेजी से मिट्टी निकाली जा रही है इसके लिए तीन एलएनटी मशीन है और करीब 10 जेसीबी 20 ट्रैक्टर जुटे हुए हैं. एनडीआरएफ की टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल करने के लिए लोहे की रिंग नुमा रोड डालकर बोरवेल से सीधे ही बच्चे को निकालने की कोशिश कर रही है.
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