Khalanga Forest Area: Preparation For Cutting Of 2 Thousand Trees For Setting Up Water Treatment Plant In Khalanga Forest Area Of Dehradun – देहरादून में 2000 पेड़ों पर मौत का लाल निशान, प्यास बुझाने का यह कैसा प्लान?
देहरादून:
विकास के नाम पर जंगलों की कटाई कोई नई बात नहीं है. देहरादून के खलंगा वन क्षेत्र में विकास की ‘आरी’ चलने को तैयार है, क्योकि इस क्षेत्र में एक बड़ा जलाशय बनाने की बात कही जा रही है. इसके लिए 2 हजार पेड़ों की बलि दी जाएगी. फिलहाल पेड़ों पर लाल निशान लगा दिए गए है, जिसके बाद वन क्षेत्र को बचाने को लेकर तमाम सामाजिक, पर्यावरण प्रेमी ,युवा और जन संगठन पुरजोर विरोध कर रहे हैं.
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देहरादून के रायपुर क्षेत्र में मौजूद खलंग वन क्षेत्र में साल के पेड़ो पर रक्षा सूत्र बांधे है, जिन पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधे हैं, उन पर लाल निशान से नंबर लिखे गए हैं, जिनकी संख्या 2 हजार है. इन पेड़ों को काटा जाना है, क्योंकि इस जगह पर देहरादून शहर के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करने के लिए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का उत्तराखंड पेयजल निगम का प्रस्तावित प्लान है. इस पूरे ग्रीन फॉरेस्ट को काटे जाने की खबर पर सामाजिक संगठन पर्यावरण विद् और आम लोगों के साथ युवा आंदोलन पर आ गए हैं. सोशल मीडिया के जरिए अपील की जा रही है और लोगों को इकट्ठा किया जा रहा है कि इन पेड़ों को काटने से बचाया जा सके.
रविवार को सामाजिक संगठन ,पर्यावरण विद्, युवा और आम लोगों ने बैठक की और पेड़ों के काटे जाने का पुरजोर विरोध किया. वहीं, युवाओं ने पेड़ों के पास झुंड बनते हुए गाना गया और पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधे और इन पेड़ों को बचाने की कसम ली. वही युवाओं का कहना है कि एक सुविधा के लिए दूसरी सुविधा को खत्म नहीं किया जा सकता.
“पेड़ों को बचाना चाहिए….”
प्रर्शनकारियों ने कहा कि सरकार 2000 पेड़ काटने की बात कर रही है, क्योंकि यहां पर एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा. यह बहुत गलत है कि हम एक लाइफ सोर्स के लिए दूसरे लाइफ सोर्स को खत्म कर दे, पापुलेशन बढ़ रही है और गर्मी भी ज्यादा हो रही है और हमें इन पेड़ों को बचाना चाहिए.
“पेड़ काटना अच्छी बात नहीं”
स्थानीय लोगों का भी कहना है कि हमलोगों ने इन पेड़ों को बचपन से देखा है और अब इनको काटने का फैसला बहुत गलत है. ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. वहीं, शांति देवी, के मुताबिक पेड़ काटना अच्छी बात नहीं है और यह बहुत गलत बात है. पेड़ लगाना पुण्य की बात है.
अतुल बिजलवान 2000 पेड़ काटने की बात पर कहते हैं कि जैसे ही मैंने यह खबर सुनी मेरी नींद उड़ गई और मैं तुरंत यहां चला आया, इतना खूबसूरत जंगल किसी चीज पाने के लिए कैसे काट सकते हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण फैसला था और निशान भी लगाए गए.
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