keshav prasad maurya reaction on UPPSC exam candidate protest . | UPPSC के खिलाफ स्टूडेंट्स के आंदोलन पर केशव प्रसाद मौर्य बोले
UPPSC Exam Candidate protest: नॉर्मलाइजेशन को लेकर यूपीपीएससी परीक्षार्थियों के विरोध प्रदर्शन को लेकर यूपी की डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यूपीपीएससी परीक्षा को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर हैं. उन्होंने अधिकारियों से छात्रों की मांगों के संवेदनशीलता से सुनने को कहा है ताकि छात्र आंदोलन की बजाय अपना समय परीक्षा की तैयारी में लगाए. उन्होंने दावा किया है योगी सरकार ने निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है.
केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा- ‘यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं. छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे.
यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं। छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे।…
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) November 12, 2024
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में, भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है। लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है. सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें. यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे. न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि किसी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे. ‘
रातभर जारी रहा विरोध प्रदर्शन
बता दें कि सोमवार से यूपीपीएससी के प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. प्रतियोगी छात्रा वन डे शिफ्ट में परीक्षाएं कराने की मांग कर रहे हैं. जिसके बाद से छात्र लोक सेवा आयोग के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का प्रदर्शनी रातभर जारी रहा और वो सड़कों पर जमे रहें. इस दौरान उन्होंने खाली बोतलें सड़क पर पीटकर अपना विरोध जाहिर किया. छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक वो धरना जारी रहेंगे.
इस पूरे विवाद पर आयोग की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. आयोग के प्रवक्ता ने दावा किया है कि परीक्षा की शुचिता और गुणधर्मिता सुनिश्चित करने के लिए यह व्यवस्था की गई है. छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केन्द्रों पर कराई जा रही है, जहाँ किसी प्रकार की कोई गड़बड़ियों की कोई सम्भावना नहीं है.
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