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Karwa Chauth 2024: भारत में त्योहारों और धार्मिक मान्यताओं की समृद्ध परंपरा है और करवा चौथ उनमें से एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे खासतौर से उत्तर और पश्चिमी भारत की महिलाएं मनाती हैं. इस शुभ दिन पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं. इस साल करवा चौथ पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा. करवा चौथ के दिन पूजा और चंद्रोदय का समय क्या है? इस पर पटना के ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि करवा चौथ की पूजा विधि और समय क्षेत्रीय भिन्नताओं के साथ अलग-अलग हो सकते हैं. राजधानी पटना में पूजा मुहूर्त शाम 05:58 से 07:30 तक है. व्रत के लिए समय सुबह 05:51 से शाम 07:29 तक है. वहीं, चंद्रोदय का समय देर शाम 07:29 है.

‘करवा चौथ का व्रत है काफी कठोर’

संजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि करवा चौथ पर्व को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाते हैं. इस दिन को ‘करक चतुर्थी’ के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें ‘करवा’ एक विशेष मिट्टी के बर्तन को कहते हैं जिसका उपयोग चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए किया जाता है. इस दिन महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा करती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत समाप्त करती हैं.

आगे उन्होंने बताया कि करवा चौथ का व्रत काफी कठोर होता है, जिसमें महिलाएं सूर्योदय से लेकर रात में चंद्रमा दिखने तक पानी और भोजन का त्याग करती हैं. यह व्रत न सिर्फ भक्ति का प्रतीक है बल्कि इसका सांस्कृतिक महत्व भी है, खासकर उन इलाकों में जहां गेहूं की खेती होती है. कई जगहों पर मिट्टी के बर्तनों को ‘करवा’ कहा जाता है, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह व्रत एक अच्छी फसल की कामना से जुड़ा हो सकता है. खासतौर पर उत्तर-पश्चिमी राज्यों में जहां गेहूं प्रमुख फसल है, वहां यह प्रथा अधिक प्रचलित है.

चंद्र दर्शन के बाद महिलाएं तोड़ती हैं व्रत

बता दें कि करवा चौथ पर्व पर महिलाएं दिनभर निर्जल व्रत रखकर चंद्रमा दिखने का इंतजार करती हैं और चंद्र दर्शन के बाद ही अपना व्रत तोड़ती हैं. यह पर्व न सिर्फ प्रेम और विश्वास का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों से भी जुड़ा हुआ है.

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