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Karnataka Sex Scandal Where Is Prajwal Revanna SIT Deadline For Him Ended – कैसे विदेश में 90 दिन की सैर का लाइसेंस लेकर घूम रहे सेक्स स्कैंडल के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना?



दरअसल, प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद उनपर वापसी का दबाव बढ़ गया है. ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद इंटरपोल संबंधित व्यक्ति के खिलाफ जानकारी जुटाता है. संबंधित देश की एजेंसी के साथ डिटेल्स शेयर किए जाते हैं. लेकिन कहा जा रहा है कि प्रज्वल रेवन्ना के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है. इससे SIT के काम करने के तौर-तरीकों पर भी सवाल उठ रहे हैं.

CBI प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ‘ब्लू कॉर्नर नोटिस’ जारी कर सकती है : SIT

कर्नाटक हाईकोर्ट की सीनियर क्रिमिनल लॉयर प्रमिला नसेरगी ने ऐसे कई पॉइंट गिनाए, जिससे SIT की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं. नसेरगी ने NDTV से कहा, “प्रज्वल रेवन्ना पर भले ही बवाल खड़ा किया गया हो, लेकिन SIT कानून संगत तरीके से काम नहीं कर रही.” 

प्रमिला नसेरगी कहती हैं, “SIT ने प्रज्वल रेवन्ना के डेप्लोमेटिक पासपोर्ट को लेकर बड़ी लापरवही बरती. SIT ने ब्लू कॉर्नर नोटिस तो दिया, लेकिन प्रज्वल रेवन्ना का डेप्लोमेटिक पासपोर्ट जब्त करने के लिए अदालत में अर्ज़ी नहीं दी. ये तो बहुत जरूरी होता है.” उन्होंने कहा, “सीएम सिद्धारमैय्या ने पासपोर्ट रद्द करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा, लेकिन इसे पासपोर्ट रद्द करने के लिए कानूनी मानदंड नहीं माना जा सकता.”

सांसदों को दिया जाता है मैरून रंग का डेप्लोमेटिक पासपोर्ट

दरअसल, प्रज्वल रेवन्ना के पास सांसदों को दिए जाने वाला मैरून रंग का डेप्लोमेटिक पासपोर्ट है. दुनिया के 34 देशों में इस पासपोर्ट के जरिए बगैर वीज़ा के आवाजाही की जा सकती है. इन 34 देशों में जर्मनी भी शामिल है. अगर कानूनी प्रक्रिया के जरिए इस पासपोर्ट को रद्द नहीं किया जाता है, तो 90 दिनों तक प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी में रह सकते हैं.

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पीड़ित महिला का बयान क्यों नहीं हुआ दर्ज

प्रमिला नसेरगी ने पीड़ित महिला का मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज नहीं करने को लेकर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, “जिस महिला ने प्रज्वल रेवन्ना पर रेप और उनके पिता एचडी रेवन्ना पर किडनैपिंग का आरोप लगाया है, उसका बयान CRPC की धारा 164 के तहत अब तक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज क्यों नहीं किया गया? SIT का ये एक बड़ा फॉल्ट है.”

परिवार ने की CBI से जांच करवाने की मांग

इस बीच देवगौड़ा परिवार ने इस मामले की जांच SIT के बजाय CBI से कराने की मांग की है. कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारास्वामी ने गुरुवार को राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मुलाकात की. उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि सेक्स स्कैंडल मामले की जांच CBI से करवाई जाए, क्योंकि उनके परिवार को SIT की जांच पर भरोसा नहीं है.

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कर्नाटक सरकार ने दिया ये जवाब

कर्नाटक के गृहमंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने कहा कि कुमारस्वामी ने करीब 100 सवाल किए हैं. मैं उन सभी का जवाब नहीं दूंगा. उन्होंने CBI जांच कराने की मांग की है, जो हम नहीं कराने जा रहे हैं. हम SIT जांच के लिए सक्षम हैं. हम उचित जांच कराएंगे.”

क्या है पूरा मामला?

कथित सेक्स टेप पेन ड्राइव में सेव करके 22 और 23 अप्रैल के बीच सर्कुलेट किए गए. प्रज्वल रेवन्ना के सहयोगी की तरफ से शिकायत दर्ज करवाई गई कि इस तरह के अश्लील पेन ड्राइव्स और वीडियो को शेयर करने से रोका जाए. साथ ही इसके लिए ज़िम्मेदार लोगो के खिलाफ कार्रवाई की जाए. 26 अप्रैल को हासन में वोटिंग हुई. 

27 अप्रैल को प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ उनकी पुरानी घरेलू सहायिका (मेड) ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी. इसके बाद प्रज्वल के करीब 200 से ज्यादा वीडियो सामने आए. कथित वीडियो में कुछ महिलाएं खुद को छोड़ने की गुहार लगा रही हैं. जबकि प्रज्वल रेवन्ना को वीडियो शूट करते देखा जा सकता है. ऐसे तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे हैं. ये वीडियो कितने ओरिजनल हैं और कितने मॉर्फ्ड… इसकी जांच अभी होनी है.

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प्रज्वल ने वीडियोज को मॉर्फ्ड बताया 

सेक्स स्कैंडल में नाम सामने आने के बाद प्रज्वल रेवन्ना ने सभी आरोपों को खारिज किया और सर्कुलेट हो रहे वीडियो को मॉर्फ्ड बताया. प्रज्वल ने इस बारे में शिकायत भी दर्ज कराई थी. इसी दिन वो जर्मनी चले गए. विवाद बढ़ने के बाद उन्हें JDS ने 30 अप्रैल को पार्टी से सस्पेंड कर दिया.

वीडियो 4-5 साल पुराने-एचडी रेवन्ना 

इधर, प्रज्वल रेवन्ना के पिता एचडी रेवन्ना ने कहा, “मैं नहीं जानता ये कैसा षड्यंत्र रचा गया है. मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो आसानी से डर कर भाग जाऊं. उन्होंने जो वीडियो रिलीज किए हैं, वे 4-5 साल पुराने हैं. ​​​​जांच होने दीजिए. पिछले 40 साल में कांग्रेस की सरकार में हमने कई जांच का सामना किया है.”

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