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Karnataka Government proposes 6 days of paid menstrual leave Per Year for working women work life balance


कर्नाटक सरकार महिलाओं के लिए काम-जीवन संतुलन में सुधार लाने के उद्देश्य से प्राइवेट और सरकारी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं के लिए भुगतान वाली पीरियड्स लीव का प्रस्ताव करने की योजना बना रही है. ऐसे में कर्नाटक सरकार महिलाओं को पीरियड के दौरान होने वाली शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियों से निपटने के लिए साल में 6 दिन लीव देने का फैसला कर रही है.

महिलाओं के लिए कर्नाटक सरकार ने शुरु की नई पहल

श्रम मंत्री संतोष लाड ने कहा कि हम प्रस्ताव की समीक्षा कर रहे हैं और समिति के सदस्यों के साथ एक बैठक तय की है. इसका मकसद महिलाओं का वर्कप्लेस में समर्थन करना है, क्योंकि महिलाओं को अपने पूरे जीवन में शारीरिक और भावनात्मक उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है. इस लीव के मिलने से महिलाओं को यह चुनने की अनुमति मिलेगी कि उन्हें कब छुट्टी चाहिए. लाड समिति के सदस्यों से मिलकर सिफारिशों पर चर्चा करेंगे, जिसके बाद उन्हें जनता, कंपनियों और अन्य लोगों के साथ सलाह के लिए रखा जाएगा.

जानिए किन राज्यों में चल रहा है पीरियड लीव का प्लान?

3 राज्यों में पहले से ही पीरियड लीव की योजना है. अगर यह योजना पारित हो जाती है तो कर्नाटक, बिहार, केरल और ओडिशा के बाद पीरियड लीव देने वाला चौथा राज्य होगा. इस दौरान कर्नाटक सरकार ने कामकाजी महिलाओं की भलाई पर ध्यान में रखते हुए विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए 18 सदस्यीय समिति का गठन किया है.

हालांकि, बिहार सरकार ने 1992 में अपनी पॉलिसी पेश की थी, जिसके तहत महिलाओं को हर महीने 2 दिन का पीरियड्स के दौरान महिलाओं को लीव दिया जाता है. 2023 में, केरल ने सभी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में महिला छात्राओं को पीरियड लीव देने का फैसला किया, साथ ही 18 साल से ज्यादा उम्र की महिला छात्राओं को 60 दिनों तक का मातृत्व अवकाश दिया. जबकि, अगस्त में ओडिशा सरकार ने राज्य सरकार और प्राइवेट सेक्टर में महिला श्रमिकों के लिए एक दिन की पीरियड लीव शुरू की.  

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