Karnataka Congress Launches Its Costliest Scheme On 100 Days In Power – कर्नाटक में सरकार बनाने के 100 दिन में कांग्रेस ने पूरे किए 5 वादे, गृह लक्ष्मी योजना भी शुरू

राहुल गांधी ने कहा कि हमने चुनाव में जो पांच वादे किए थे, उन्हें सरकार बनाने के 100 दिन के अंदर पूरा कर दिया है. इन पांच वादों में से चार महिलाओं के लिए हैं. इसके पीछे हमारी सोच है कि जैसे बड़े से बड़ा पेड़ मजबूत जड़ के बिना खड़ा नहीं रह सकता है, वैसे ही कर्नाटक की मजबूती का आधार यहां की माताएं-बहनें हैं.”
कांग्रेस जो कहती है – वो करती है
जनहित से जुड़े वादे करना और उन वादों को पूरा करना कांग्रेस का इतिहास रहा है।
हमने कर्नाटक की जनता से जो वादे किए, उन्हें पूरा किया।
अब आने वाले वक्त में मध्य प्रदेश और तेलंगाना से किया वादा भी निभाएंगे।
जनहित का वादा, वादों का सम्मान
कांग्रेस… pic.twitter.com/b6fu0o3CIl— Congress (@INCIndia) August 30, 2023
राहुल गांधी ने कहा, “कर्नाटक के अलग-अलग कोने से महिलाएं यहां मौजूद हैं. मैं इस कार्यक्रम में उनका स्वागत करता हूं.” इस दौरान करीब 10 महिलाओं के बैंक अकाउंट में 2000 रुपए ट्रांसफर किए गए. इसके अलावा अनुमानित 1.08 करोड़ लाभार्थियों में से 50 फीसदी के बैंक अकाउंट्स में आज पैसा जमा कर दिया जाएगा, जबकि बाकियों के अकाउंट में गुरुवार को पैसे ट्रांसफर किए जाने का वादा किया गया है.
एक महिला ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं. इससे मुझे अपने बच्चों की स्कूल फीस भरने में मदद मिलेगी.” वहीं, दूसरी महिला ने कहा, “मैं इंडिपेंडेंट फील कर रही हूं. मुझे दवाइयों के लिए अपने बच्चों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता.” इस स्कीम का लाभ उठाने की एकमात्र शर्त यह है कि इसका लाभ केवल वही परिवार की मुखिया महिला उठा सकती हैं, जो वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते.
कर्नाटक की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर ने कहा, “राशन कार्ड और आधार कार्ड की टैक्स और जीएसटी के लिए एक साथ जांच की जाती है.” वहीं, राशन कार्ड और कुटुम्ब सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि इसमें कोई डुप्लिकेसी ना हो.
महिला एवं बाल कल्याण विभाग की निदेशक अर्चना एमएस ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए भी बहुत सतर्क हैं कि कहीं एक ही घर से दो महिला मुखिया सामने ना आ जाएं. लेकिन जिन लोगों की मृत्यु हो गई है, उनके राशन कार्ड को लेकर हमें दिक्कतें हो रही हैं.”
एक लाभार्थी प्रेमा ने बताया कि राशन कार्ड उसकी दादी के नाम पर है, जिनकी मौत हो चुकी है. प्रेमा ने कहा, “हमें इसे बदलवाना होगा. उन्होंने कहा कि वे उसका नाम हटाने में मदद करेंगे और अगले महीने की पहली तारीख तक नए नाम से जारी कर देंगे.” अधिकांश महिलाओं ने कहा कि अगर उन्हें पैसे नहीं मिले तो वे असहाय महसूस करेंगी. वहीं, इस स्कीम का फायदा उठा रहीं अन्य महिलाओं ने दावा किया कि वोट देकर वो सरकार का एहसान उतारेंगी.
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