Kanwar Yatra 2024 Eateries asked for nameplate to ensure Kanwariya sentiments not hurt Yogi Adityanath UP Government tells Supreme Court
कांवड यात्रा के रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर मालिक के नाम की नेप्लेट लगाए जाने के अपने आदेश का उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बचाव किया. राज्य सरकार ने कोर्ट में कहा कि ये आदेश यह सुनिश्चित करने के लिए दिए गए कि कांवड़ियों की भावनाएं आहत न हों और शांति भी बनी रहे. सरकार ने कहा कि इसका मकसद कांवडियों के साथ पारदर्शिता रखना था और उनकी धार्मिक आस्थाओं को यह ध्यान रखते हुए दिया गया कि गलती से भी उनके सेंटीमेंट के साथ खिलवाड़ न हो.
सरकार ने कहा कि लाखों-करोड़ों कांवड़ियें नंगे पैर गंगा का पवित्र लेकर मीलों पैदल चलते हैं और अगर ऐसे मे कोई ऐसी चूक हो जाती है तो इससे स्थिति बिगड़ सकती है. सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया कि निर्देशों को लेकर कोई भेदभावपूर्ण रवैया नहीं रखा गया, बल्कि कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाली सभी दुकानों पर यह निर्देश दिया गया था.
लोगों की सेफ्टी है ये निर्देश देने का मकसद, यूपी सरकार ने SC को बताया
सरकार ने आगे यह कहा कि नेप्लेट लगाने के निर्देश देने के पीछे का मकसद कांवड़ यात्रा के दौरान शांति बनाए रखना और पब्लिक की सेफ्टी भी था. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में कांवड़ियों के शामिल होने को देखते हुए सांप्रदायिक तनाव की संभावना को देखते हुए सार्वजनिक सुरक्षा और सुव्यवस्था का ध्यान रखना भी सरकार जिम्मेदारी है. यह जरूरी है कि शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण यात्रा के लिए पहले से ही उपाय किए जाएं.
पहले जैसी घटनाएं न हों और शांतिपूर्ण हो कांवड़ यात्रा, यूपी सरकार ने कहा
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पहले ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें खाने को लेकर गलतफहमी के चलते तनाव जैसा माहौल पैदा हो गया था. ऐसी स्थितियों से बचने के लिए यह निर्देश दिए गए. सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को नेप्लेट लगाने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर रोक लगा दी थी.
नेप्लेट लगाने के लिए मजबूर नहीं कर सकते, सुप्रीम कोर्ट ने कहा
सरकार के फैसले के खिलाफ एक एनजीओ एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने याचिका दाखिल की थी. इन याचिकाओं पर जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने अंतरिम रोक लगाते हुए कहा था कि दुकान पर मांसाहारी या शाकाहारी लिखने के लिए कह सकते हैं, लेकिन नेप्लट लगाने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं.
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