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Kachchatheevu Island PM Modi Slams Congress Mallikarjun Kharge Hits Back Why PM Modi Did Not Take Steps To Get It Back | कच्चाथीवू पर छिड़ा सियासी संग्राम! पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना तो खरगे बोले


Mallikarjun Kharge On Kachchatheevu Island: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (31 मार्च) को कच्चाथीवू आइलैंड के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उसकी सरकार में मां भारती का एक अंग काट दिया गया. पीएम मोदी की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पलटवार में कहा है कि 10 साल के शासन में इसे (कच्चाथीवू आइलैंड) वापस क्यों नहीं ले लिया.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले ‘संवेदनशील’ मुद्दा उठाना उनकी (पीएम मोदी) हताशा को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने आधिकारिक X हैंडल और फिर उत्तर प्रदेश के मेरठ में रैली के दौरान कच्चाथीवू आइलैंड के मुद्दे पर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर जमकर निशाना साधा.

कच्चाथीवू को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम मोदी ने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए लिखा, ”आंखें खोलने वाला और चौंका देने वाला! नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने बेरहमी से कच्चाथीवू को छोड़ दिया. इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में यह बात बैठ गई है कि हम कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं कर सकते! भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना 75 वर्षों से कांग्रेस का काम करने का तरीका रहा है.”

इसके बाद मेरठ की रैली में पीएम मोदी ने कहा, ”…कच्चाथीवू द्वीप सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. देश आजाद हुआ तब यह हमारे पास था और भारत का अभिन्न अंग रहा है लेकिन कांग्रेस ने चार-पांच दशक पहले कह दिया कि ये द्वीप तो गैर-जरूरी है, फालतू है, यहां तो कुछ होता ही नहीं है और ये कहते हुए आजाद भारत में कांग्रेस और इंडी अलायंस के साथियों ने मां भारती का एक अंग काट दिया और भारत से अलग कर दिया. देश कांग्रेस के रवैये की कीमत आज तक चुका रहा है.”

बता दें कि यह खबर बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलई के आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदन पर मिले जवाब पर आधारित है. उन्होंने पाक जलसंधि में इस द्वीप को पड़ोसी देश श्रीलंका को सौंपने के 1974 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार के फैसले को लेकर जानकारियां मांगी थी. खबर में उस मुद्दे पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की टिप्पणियों का भी उल्लेख है जो भारत और श्रीलंका के बीच विवाद की जड़ रहा है. नेहरू ने कथित तौर पर कहा था कि उन्हें इस द्वीप पर अपना दावा छोड़ने में कोई झिझक नहीं होगी.

कच्चाथीवू द्वीप के मुद्दे पर क्या बोले मल्लिकार्जुन खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, आप अपने कुशासन के 10वें वर्ष में क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर अचानक जाग गए हैं. शायद, चुनाव ही इसका कारण है. आपकी हताशा स्पष्ट है.’’ उनके अनुसार, वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने बयान दिया था कि भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझौता दिलों का मिलन है और यह बयान 1974 में इंदिरा गांधी की पहल की सराहना करता है.    

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आपकी सरकार के तहत, मैत्रीपूर्ण भाव से भारत से 111 एन्क्लेव बांग्लादेश को स्थानांतरित कर दिए गए, और 55 एन्क्लेव भारत में आ गए. 1974 में मैत्रीपूर्ण भाव पर आधारित एक समान समझौता एक अन्य देश श्रीलंका के साथ कच्चाथीवू पर शुरू किया गया था.’’    

मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव से पहले मुद्दा उठाने का लगाया आरोप

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘‘चुनाव से ऐन पहले आप इस संवेदनशील मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन आपकी ही सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कच्चाथीवू 1974 में एक समझौते के तहत श्रीलंका गया था… आज इसे वापस कैसे लिया जा सकता है? यदि आप कच्चातिवू को वापस चाहते हैं, तो आपको इसे वापस पाने के लिए युद्ध में जाना होगा.” उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, आपको बताना चाहिए कि क्या आपकी सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने और कच्चाथीवू को वापस लेने के लिए कोई कदम उठाया?’’

मल्लिकार्जुन खरगे के मुताबिक, ‘‘गांधी जी, पंडित नेहरू जी, सरदार पटेल जी, इंदिरा गांधी जी, राजीव गांधी जी – हमारे सभी प्रिय नेता भारत की एकता, हमारी क्षेत्रीय अखंडता के लिए जिये और मरे. सरदार पटेल जी ने 600 रियासतों को एक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.’’  उन्होंने आरोप लगाया कि इसके विपरीत, प्रधानमंत्री मोदी ने गलवान घाटी में 20 बहादुरों के सर्वोच्च बलिदान के बाद चीन को क्लीन चिट दे दी.     

कांग्रेस अध्यक्ष ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘जो बात आंखें खोलने वाली और चौंका देने वाली है, वह यह है कि आपने नेपाल, भूटान और मालदीव जैसे मित्रवत पड़ोसियों के साथ स्थिति को कैसे बिगाड़ा. इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि आपकी विदेश नीति की विफलता के कारण पाकिस्तान ने रूस से हथियार खरीदे.’’

मल्लिकार्जुन खरगे ने यह भी कहा, ‘‘भारत का एक भी गांव ऐसा नहीं है, जहां किसी कांग्रेसी ने देश की एकता के लिए अपना खून न बहाया हो… यह कांग्रेस ही थी, जिसने गंभीर बाधाओं के बावजूद तिब्बत की संप्रभुता के मुद्दे को जीवित रखा, लेकिन आपकी पार्टी के पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री ने इसे सरसरी तौर पर बर्बाद कर दिया. कांग्रेस के प्रति यह मोह छोड़िए, और अपने गलत कार्यों पर विचार करिये, जिसका खामियाजा भारत को भुगतना पड़ रहा है.’’

(भाषा इनपुट के साथ)

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