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jyotiraditya scindia angry rahul gandhi pawan kheda says your highness history points a finger at you and cries  | राहुल गांधी पर भड़के सिंधिया तो पवन खेड़ा ने घेरा, बोले


केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की राजघरानों पर टिप्पणी को लेकर कहा कि उन्हें पहले इतिहास पढ़ना चाहिए. राहुल गांधी ने एमपी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि आजादी से पहले दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को कोई अधिकार नहीं था. उस समय केवल महाराजाओं और राजाओं को ही अधिकार थे. 

राहुल गांधी के वीडियो को ‘X’ पर पोस्ट करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा कि उन्हें पहले इतिहास पढ़ना चाहिए और फिर राजघरानों के बारे में बयानबाजी करनी चाहिए. सिंधिया ने लिखा, “संविधान को अपनी ‘पॉकेट डायरी’ समझने वाले नेता राहुल गांधी द्वारा आजादी से पूर्व भारत के राजपरिवारों की भूमिका को लेकर दिया गया बयान उनकी संकीर्ण सोच व समझ को उजागर करता है. सत्ता और कुर्सी की भूख में वह भूल गए हैं कि इन राजपरिवारों ने वर्षों पहले भारत में समानता और समावेशी विकास की नींव रखी थी.” 

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी भूल गए हैं कि बड़ौदा महाराज सयाजीराव गायकवाड़ ने हमारे संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर को शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई थी. कांग्रेस नेता यह भी भूल गए है कि छत्रपति साहूजी महाराज ने 1902 में पहली बार देश के बहुजनों को अपनी शासन व्यवस्था में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की बुनियाद रखी थी तथा पिछड़े वर्गों को शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ग्वालियर के माधव महाराज प्रथम ने पूरे ग्वालियर- चंबल में शिक्षा और रोजगार के केंद्र खुलवाए थे.”

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया, “यह तानाशाही विचारधारा को जन्म देने वाली कांग्रेस थी जिसने दलितों, वंचितों और पिछड़े वर्ग के अधिकारों पर कुठाराघात किया. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी, पहले इतिहास पढ़ें, फिर बयानबाजी करें.” 

सिंधिया पर पवन खेड़ा ने किया पलटवार 

सिंधिया पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि इतिहास आपकी ओर अंगुली उठाकर रोता है योर हाइनेस. अगर संविधान का 26वां संशोधन ना हुआ होता तो आज भी भारत सरकार की तरफ़ से ग्वालियर राजघराने को करोड़ों रुपये कर मुक्त दिए जा रहे होते. उन्होंने दावा किया कि भारत में विलय की कीमत आप 19971 तक लेते रहे. 

गांधीजी की हत्या में राजघराने की पिस्तौल का इस्तेमाल: खेड़ा  

पवन खेड़ा ने कहा कि राजघरानों की गद्दारी, उनका अंग्रेजों से प्रेम आप शायद भूल गए, हम सब नहीं भूल पाते. इतिहास गवाह है कि एक राजघराने की पिस्तौल का इस्तेमाल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या में हुआ था.  

राजघरानों को लेकर भड़के पवन खेड़ा 

खेड़ा का कहना है, “अनेक राजघरानों के कुकर्मों की फेहरिस्त को चंद राजाओं की नेकी से नहीं ढंका जा सकता. नेहरू और पटेल द्वारा राजे-रजवाड़ों पर दबाव बनाकर लोकतंत्र की लगाम आम नागरिकों को सौंपे जाने की टीस अब तक कुछ राजपरिवारों में बाकी है.”

पवन खेड़ा ने नेहरू के भाषण का दिया हवाला  

कांग्रेस नेता ने पंडित जवाहरलाल नेहरू का हवाला देते हुए कहा कि संविधान सभा में 22 जनवरी, 1947 में नेहरू ने अपने भाषण में कहा था, “किसी भी व्यक्ति चाहे उसका दर्जा कितना भी बड़ा क्यों न हो, यह कहना कि ईश्वरदत्त विशेषाधिकार से मैं मुनष्य पर शासन करने आया हूं नितान्त जघन्य है. यह परिकल्पना असह्य है और उसे यह सभा कभी भी मंजूर नहीं करेगी. अगर सभा के सामने यह बात पेश की गई तो यह भी इसका तीव्र विरोध करेगी.”  





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