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Justin Trudeau In Political Trouble Says Ex Minister Of Canada Kash Heed On India Allegations Over Khalistan Issue – राजनीतिक संकट में जस्टिन ट्रूडो, सियासी लाभ लेने की कर रहे कोशिश: भारत के खिलाफ बयान पर बोले कनाडा के पूर्व मंत्री कैश हीड



भारत-कनाडा विवाद पर NDTV ने कनाडा के रिचमंड सिटी के काउंसलर कैश हीड (Kash Heed) से एक्सक्लूविस बातचीत की. उन्होंने कहा कि जस्टिन ट्रूडो राजनीतिक संकट में हैं. इसलिए ऐसा कर रहे हैं.

कनाडा के पूर्व सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री कैश हीड (Kash Heed) ने कहा कि भारत को लेकर दिया गया जस्टिन ट्रूडो का बयान कनाडा में आंतरिक राजनीतिक मजबूरी का नतीजा है. ब्रिटिश कोलंबिया के पूर्व सॉलिसिटर जनरल कैश हीड ने कहा, “मैं यह भी जानना चाहता हूं कि कनाडा ने खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ क्या किया है.”

कैश हीड ने कहा, “खालिस्तानी मुद्दे पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा रही है. ट्रूडो आंतरिक राजनीतिक मजबूरियों के कारण ऐसा कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, “मैं नहीं कहता कि जांचकर्ताओं ने कुछ गलत किया. उन्होंने वही किया, जो उन्हें करना चाहिए था. लेकिन ट्रूडो ने संसद में जो भी कहा, उन्हें इसे सबूत देने चाहिए.” 

हीड ने कहा, “चाहे यह आतंकवाद जैसी अवैध गतिविधियों या पूरे कनाडा में इस तरह की चीजों के लिए हो…हम पैसा कमाने के लिए इसमें शामिल समूहों का मुद्दा उठाते रहे हैं. आपको याद रखना होगा कि हम अभी किस राजनीतिक स्थिति में हैं. कनाडा की गवर्निंग पार्टी इस समय संकट में है.”

उन्होंने कहा, “वह (ट्रूडो) अभी उथल-पुथल में हैं. वह किसी तरह का रास्ता ढूंढ रहे हैं. यह वह रास्ता नहीं है, जिसका उन्हें इस्तेमाल करना चाहिए. जस्टिन ट्रूडो अपनी राजनीतिक विश्वसनीयता वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि जो हुआ है उससे उनकी राजनीतिक विश्वसनीयता बहुत तेजी से गिरी है.”

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में  कैश हीड ने कहा कि ये एक नॉर्मल होमीसाइड यानी इलिगल किलिंग का मामला है. भारत को लेकर जो भी कहा गया है, उससे दुनिया में कंफ्यूजन है. ट्रूडो ने अपने बयान में जो भी कहा है अगर उसके पर्याप्त सबूत हैं, तो उसे सामने लाया जाना चाहिए. सबूतों को भारत के साथ शेयर किया जाना चाहिए.

‘गलत राजनीतिक आकलन’

क्या ट्रूडो अपनी अल्पमत सरकार की प्रो-खालिस्तानी जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी पर निर्भरता के कारण निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर संगीन आरोप लगा रहे हैं? इसके जवाब में कैश हीड ने कहा, “मेरा मानना ​​है कि यह एक घरेलू राजनीतिक आकलन है. मेरी समझ से यह एक गलत राजनीतिक गणना है. क्योंकि आप कनाडा में मतदाताओं पर दबाव नहीं डाल सकते. यह प्रधानमंत्री, उनकी पार्टी इस समय काफी संकट में है. आप जिस राजनीतिक कीचड़ में हैं, उससे बाहर निकलने की कोशिश करने के लिए इस तरह के बहुत गंभीर अपराध का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. इसे किसी भी लिहाज से विवेकपूर्ण नहीं कहा जा सकता है.” उन्होंने कहा, “मुझे उन राजनेताओं से पूरी तरह नफरत है, जो किसी की मौत का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करते हैं.”

 

राजनेताओं की भूमिका की ओर इशारा करते हुए हीड ने कहा, “लेकिन जब हमारे यहां यह राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है, जहां आपको ऐसे मुद्दे पर राजनेता मिल गए हैं, जो जरूरी नहीं कि सच हो. या सबूत उस दिशा में ले जाएंगे. इसलिए हमें सोच-समझकर काम करना चाहिए.”

कॉन्सपिरेसी थ्योरी

जस्टिन ट्रूडो के आरोपों और उनके समर्थन में सबूतों पर एक सवाल के जवाब में कैश हीड ने कहा, “आपको सवाल करना होगा कि वह सबूत क्या है. क्या यह पर्याप्त सबूत है, जो हमारे राज्य के प्रमुख (पीएम) द्वारा लगाए गए आरोपों को सही साबित कर सकता है.”

पुलिस अधिकारी के रूप में अपने अनुभव के बारे में बोलते हुए हीड ने कहा कि जब आप ऐसी हाई-प्रोफाइल हत्याओं से निपट रहे होते हैं, तो आपको बहुत सारी जानकारी मिलती हैं. उन्होंने कहा, “जरूरी नहीं है कि सारी जानकारियां सही ही हो. आपके पास ऐसी कॉन्सपिरेसी थ्योरी भी होती है, जो डेवलप हो चुकी होती है. ऐसी स्थिति में आपको प्रेरक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है.”

उन्होंने कहा, ”सबूत किसी भी आरोप या आरोप की ओर ले जाते हैं. और, अगर अन्य लोग किसी तरह की साजिश में शामिल हैं, तो आइए उस पर गौर करें.” पूर्व पुलिस प्रमुख ने कहा कि निज्जर मामले की जांच अभी शुरुआती फेज में है. पुलिस अधिकारियों को राजनीतिक बयानबाजी के बिना अपना काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

खालिस्तानी आतंक का जाल

कैश हीड ने कहा कि कनाडा में संगठित अपराध समूह और आतंकवादी समूह एक्टिव हैं. यह लंबे समय से एक मुद्दा रहा है. देश में खालिस्तानी आतंक के जाल पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह केवल दक्षिण एशियाई समूहों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य जातीय समूहों में भी है.

 

कनाडा के नेताओं के लिए खालिस्तान का समर्थन मजबूरी बनता जा रहा है. 2025 में कनाडा में होने वाले चुनावों के लिए कनाडाई प्रधानमंत्री और राजनीतिक पार्टियों को खालिस्तानियों का समर्थन करना पड़ रहा है. कनाडा का खुफिया विभाग 2021 तक खालिस्तानी गतिविधियों पर लगातार नजर रखता था. हालात तब बदले जब सितंबर 2021 में हुए चुनाव में ट्रूडो की पार्टी को बहुमत नहीं मिला. सरकार बनाने के लिए उन्हें जगमीत सिंह की अगुआई वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन लेना पड़ा. सिंह को कनाडा में प्रो-खालिस्तानी नेता माना जाता है.

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