Jitu Patwari raise illegal sand mining issue against CM Mohan Yadav Government on Narmada river Jayanti ANN
MP Illegal Send Mining Scam: नर्मदा जयंती के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने नर्मदा नदी में अवैध रेत उत्खनन के मामले को उठाया है. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी में रेत का अवैध कारोबार रोकने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन की मिलीभगत के बगैर इतने बड़े पैमाने पर कोई भी संगठित अपराध नहीं किया जा सकता. साथ ही उन्होंने बीजेपी नेताओं को संकल्प लेने की नसीहत भी दी है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया के अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि आज (16 फरवरी) नर्मदा जयंती है. मध्य प्रदेश की जीवन रेखा और पुण्य सलिला के पूजन अर्चन का एक ऐसा विशेष दिवस है, जो भाव और भक्ति से सराबोर रहता है. इस अवसर पर में बीजेपी सरकार के संज्ञान में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण तथ्य सामने लाना चाहता हूं, जो अनिवार्य प्राथमिकताओं में सदैव शीर्ष पर होने चाहिए. मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी में रेत का अवैध कारोबार रोकने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. रेत माफियाओं के आगे शासन की कार्रवाई कारगर साबित नहीं हो रही है. पिछले दिनों पवित्र ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर के समीप नृसिंह कुंड से लेकर बिल्लौरा तक रेत माफिया नर्मदा नदी में पनडुब्बी मशीनें लगाकर रेत का अवैध उत्खनन करते पकड़े गए.
अवैध रेत खनन को लेकर जीतू पटवारी ने बीजेपी पर लगाया आरोप
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि हालात ऐसे हो गए कि रेत निकालने के लिए पाइप लाइन तक डाल दी गई. अनेक कश्तियों से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन लगातार किया जाता रहा. रेत पनडुब्बी मशीन से नदियों की तलहटी से अवैध रूप से रेत निकाली गई. उन्होंने लिखा कि नेशन ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) कोर्ट ने नर्मदा नदी में रेत उत्खनन करने के किसी भी प्रकार की मशीन पोकलेन, पनडुब्बी, बुलडोजर पर रोक लगा रखी है. बिना पर्यावरणीय मंजूरी के रेत निकालना अवैध है. इसके बावजूद एनजीटी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मध्य प्रदेश के अधिकांश नर्मदा किनारों से खुलेआम पनडुब्बी मशीनों से अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है.
जबकि सरकार ने भी मशीनों से रेत उत्खनन पर रोक लगाई है. राज्य सरकार की तरफ से मध्य प्रदेश रेत खनन परिवहन भंडारण और व्यापार नियम 2019 में संशोधन की अधिसूचना में इसके प्रावधान किए हैं. नए नियमों में नर्मदा नदी में मशीनों से रेत उत्खनन कार्य नहीं किया जा सकता है. ताकि नर्मदा नदी में जैव विविधता बरकरार रहे. लेकिन सच्चाई कभी भी और कहीं भी अच्छी और समझी जा सकती है. बहुत स्वाभाविक है कि शासन और प्रशासन की मिलीभगत के बगैर इतने बड़े पैमाने पर कोई भी संगठित अपराध पूरा नहीं किया जा सकता. आस्था में डूबे और सोशल मीडिया के जरिए बधाई देने वाले बीजेपी नेताओं को नर्मदा जयंती पर आज ही यह संकल्प लेना जरूर चाहिए कि पुण्य सलिला के अविरल प्रवाह के लिए वे प्रभावी प्रयास जरूर करेंगे. मां नर्मदा सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करें.
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