Jharkhand News Elbow Operation Was Done In The Government Hospital Of Dumka Ann
Jharkhand News: झारखण्ड में सरकारी अस्पताल चिकित्सा व्यवस्था का नाम सुनते ही लोगों के शरीर मे सिहरण दौड़ने लगती है. लोग अपने मरीज को लेकर सरकारी अस्पताल के बजाय किसी निजी अस्पताल पर भरोसा करना ज्यादा सेफ समझते हैं. वो भी जब किसी मरीज का ऑप्रेशन कराना हो तो परिजन सीधे सरकारी अस्पताल के बजाय निजी अस्पताल मे भर्ती कराना जरुरी समझते हैं. लेकिन झारखण्ड के इतिहास में उपराजधानी दुमका के चिकित्सकों ने इस मिथ्यक को बिल्कुल तोड़ दिया है. पिछले एक साल से दर्द से तड़प रहे एक गरीब मरीज का कुहनी का सफल ऑप्रेशन कर जान फूंक दी है. यह ऑप्रेशन झारखण्ड के सरकारी अस्पताल मे पहली बार किया गया है.
झारखण्ड की उपराजधानी दुमका के फूलों झानों मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों ने स्वास्थ्य जगत में लोगों के मिथ्या को ही नहीं तोड़ा बल्कि मरीज और परिजनों को विश्वास जगाकर सफल ऑप्रेशन के जरीए झारखण्ड के सरकारी अस्पताल मे कीर्तिमान स्थापित किया है. मरीज ने चिकित्सक पर भरोसा दिखाते हुए कुहनी के प्रतिस्थापन कराया जहां ऑप्रेशन पूरी तरह सफल रहा. मरीज महज पांच दिनों के अंदर स्वस्थ होकर चल फिर सकेंगे. बताया जाता है कि मंगलवार को दुमका के फूलो झानों मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आर्थो विभाग के सहायक प्राध्यापक सह विभागाध्यक्ष डॉ शशि के सुमन और उनकी टीम द्वारा मसलिया प्रखंड के चालीस वर्षीय सरस्वती देवी के कुहनी का सफल प्रतिस्थापन (Replacement)किया.
इस ऑप्रेशन के जरीए कुहनी का प्रतिस्थापन पूरे संथाल परगना में पहली एवं झारखंड के सरकारी अस्पताल में पहली बार किया गया. अस्पताल में कम संसाधन रहने के वाबजूद इस सफल ऑप्रेशन को करने मे चिकित्सकों को दो घंटे का समय लगा. डॉ एस के सुमन ने इस ऑप्रेशन को करने के लिए कुछ जरुरी इक्विपमेंट अपने निजी अस्पताल से लाकर झारखण्ड के अस्पताल में लगे उस मिथ्यक को तोड़ मरीज के लिए वरदान बना दिया. हालांकि अस्पताल के बाहर से ऑप्रेशन के लिए लाये गये जरुरी चीजों का भुगतान आयुष्मान कार्ड से होगा. ऐसे मे मरीजों को किसी प्रकार का पैसे देने की नौबत नहीं पड़ेगी.
बताया जाता है कि मसलिया की रहने वाली चालीस वर्षीय मरीज सरस्वती देवी का दाहिना कुहनी पिछले एक वर्ष पूर्व चोट लगने की वजह से घिश गया था, जिसके कारण वह असहनीय पीड़ा से जूझ रही थी. आर्थिक रूप से कमजोर सरस्वती बाहर किसी निजी अस्पताल में इलाज कराना संभव नहीं था. दर्द से जूझ रही सरस्वती देवी बाध्य होकर 6 दिसंबर 23 को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अस्थि रोग विभाग में भर्ती हुई. फूलो झानों मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा सरस्वती की सारी जांच करने के पश्चात 19 दिसंबर मंगलवार को ऑप्रेशन करने का निर्णय लिया गया. आर्थो विभाग के सहायक प्राध्यापक सह विभागाध्यक्ष डॉ शशि के सुमन और उनकी टीम द्वारा सरस्वती देवी सफलता पूर्वक रिप्लेसमेंट किया गया.
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