Jharkhand CM Hemant Soren Quite On Champai Soren To Join BJP Due To Political Benefits
Hemant Soren On Champai Soren: झारखंड की राजनीति में पिछले कुछ हफ्तों से एक नेता की खूब चर्चा हुई. यहां हम झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की बात कर रहे हैं. चंपई अब बीजेपी के होने वाले हैं. वह 30 अगस्त को पार्टी का दामन थामेंगे. फिलहाल उन्होंने राज्य विधानसभा के सदस्य और झारखंड के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, यहां गौर करने वाली बात ये है कि चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में रहने के बावजूद लगातार बीजेपी नेताओं से मिल रहे थे.
चंपई सोरेन की मुलाकातों पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नजर भी थी. मगर उन्होंने एक बार भी इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा. चंपई ने खुलकर जेएमएम की कार्यशैली का विरोध किया. वह मंत्री पद पर काबिज रहे, लेकिन अपनी ही सरकार को घेरते रहे. इतना सब होने के बाद भी हेमंत सोरेन ने चंपई पर चुप्पी साधे रखी. हालांकि, चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने की पुष्टि हो चुकी है. ऐसे में अब जाकर ये बात सामने आई है कि आखिर किन वजहों से हेमंत सोरेन ने चुप्पी साधे रखी थी.
चंपई सोरेन के मुद्दे पर चुप क्यों थे हेमंत सोरेन?
झारखंड मंत्रिमंडल में बने रहने के बावजूद चंपई सोरेन लगातार पार्टी और सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे. मगर उन्हें ना तो कारण बताओ नोटिस मिला और ना ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया. राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी और चंपई इस बात का इंतजार कर रहे थे कि हेमंत सोरेन जेएमएम से उन्हें बाहर का रास्ता दिखाए, ताकि विक्टिम कार्ड खेला जा सके. मगर जेएमएम ने ये मौका चंपई सोरेन को दिया ही नहीं.
दरअसल, हेमंत सोरेन ने बीजेपी के खेल को भांप लिया था. तभी उन्होंने स्ट्रैटेजी बनाई थी कि अगर चंपई सोरेन को पार्टी से जाना है तो वह जा सकते हैं. उन्हें पार्टी से नहीं निकाला जाएगा, ताकि वह विक्टिम कार्ड नहीं खेल पाएं. एक कार्यक्रम के दौरान सीएम हेमंत ने कहा कि झारखंड क्रांतिकारियों की भूमि है. यहां अनेकों षड्यंत्रकारियों को मुंहतोड़ जवाब दिया गया है. उनका इशारा बीजेपी की तरफ था, जिसने उनके सबसे भरोसेमंद साथी को अपने पाले में किया है.
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