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Bihar News: बिहार के जहानाबाद जिला समाहरणालय में गुरुवार को एडीएम जांच विनय कुमार और एक फरियादी के बीच तीखी नोकझोंक होने का मामला सामने आया है. इस दौरान बहस इतनी बढ़ गई कि उपविकास आयुक्त धनंजय कुमार को आकर बीच-बचाव करना पड़ा. इस घटना को लेकर एडीएम जांच विनय कुमार ने घोसी थाना क्षेत्र के सोनवां गांव निवासी फरियादी राकेश कुमार पर प्राथमिकी के लिए सदर थाने में आवेदन दिया है, जिसमें राकेश कुमार पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया गया है.

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, खुद को बीजेपी का सीनियर लीडर कहने वाले राकेश कुमार एक केस के मामले में एडीएम जांच विनय कुमार सिंह के चैंबर गए थे. उनपर पंचायत तकनीकी कर्मी रंजीत कुमार की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसकी जांच चल रही है. एडीएम जांच का कहना है कि राकेश कुमार चाहते हैं कि जांच उनके पक्ष में हो और रंजीत कुमार पर कार्रवाई हो, लेकिन हम लोग निष्पक्षता के साथ जांच कर रहे हैं. इसकी वजह से राकेश कुमार की ओर से बार-बार फोन तथा व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क कर धमकी दी जाती है. 

एडीएम जांच विनय कुमार सिंह के अनुसार गुरुवार को राकेश कुमार उनके कार्यालय में आए और बातों ही बातों में उग्र हो गए. मुझे बदमाश समेत समेत अन्य आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर हंगामा करने लगे. इसके बाद मेरी ओर से सुरक्षाकर्मी को बुलाया गया. सदर थाने में उनका विरोध सरकारी कार्य में बाधा डालने को लेकर प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया गया है.

आरोपों पर क्या बोले बीजेपी नेता? 
वहीं मामले को लेकर बीजेपी नेता राकेश कुमार का कहना है कि उनके गांव की रैयती जमीन पर नाली का निर्माण कर तकनीकी कर्मी रंजीत कुमार ने सात लाख 15 हजार रुपये की निकासी कर ली है. इस मामले को लेकर उन्होंने पंचायत राज विभाग के संयुक्त सचिव से लिखित शिकायत दी थी. इसपर बर्खास्तगी का आदेश जिले को मिल चुका है. लेकिन, पिछले 5 माह से एडीएम जांच मामले को दबाए बैठे हैं. इसी मामले में फरियाद लेकर उनके पास पहुंचा था, जिस पर वे आग बबूला हो गए और मुझे गोली मारने की धमकी दी.

यहां बताते चले खुद को बीजेपी का सीनियर नेता बताने वाले राकेश कुमार वही शख्स है, जिन्होंने कुछ माह पहले लोजपा आर के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद चिराग पासवान पर झूठे हलफनामा को लेकर कोर्ट में केस कर सुर्खियां बटोरी थीं और पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा सिंबल पर घोसी से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था. हालांकि, चुनाव उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी और अब लोजपा से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं.

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