JEE क्लियर करने वाले दिहाड़ी मजदूर के बेटे की छिनी IIT सीट, क्योंकि समय पर नहीं जुटे फीस के पैसे
नई दिल्ली:
Dalit daily wager’s son Atul Kumar Story: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने बड़ी मेहनत से आईआईटी जेईई (IIT JEE) की परीक्षा पास, फिर जेईई एडवांस्ड (JEE Advanced) में बैठा, उसे भी पास किया, लेकिन आईआईटी में एडमिशन नहीं पास सका, क्योंकि उससे एडमिशन फीस जमा करने में कुछ मिनट की देरी हो गई. यह कहानी है मुजफ्फरपुर के 18 वर्षीय अतुल कुमार की. जिससे इस साल जेईई मेन 2024 (JEE Main) की परीक्षा पास की, फिर जेईई एडवांस्ड 2024 क्वालीफाई किया, जोसा काउंसलिंग में भाग लिया, आईआईटी धनबाद में सीट भी अलॉट हुई लेकिन वह एडमिशन नहीं ले पाया. क्योंकि उसके पास पैसे नहीं थे.
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बस कुछ मिनट से चूकें
जेईई एडवांस्ड पास होने पर अतुल कुमार को आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की सीट अलॉट हुई थी और उसे स्वीकृति शुल्क के रूप में 17,500 रुपये जमा करने थे. उन्हें पैसा जमा करने के लिए मात्र चार दिन मिले थे. लेकिन अतुल के पिता जो एक दिहाड़ी मजदूर है, उनके लिए यह एक बड़ी रकम थी, सो पैसा जमा करने में देरी हो गई और बस कुछ मिनटों की देरी से अतुल और उसके पूरे परिवार की खुशियां आंसुओं में बदल गईं.
सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार
लेकिन अब अतुल ने कई दरवाजे खटखटाने के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण और मद्रास उच्च न्यायालय अपनी कड़ी मेहनत से अर्जित सीट को बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में यह गुहार लगाई है कि वह अपने सपने को बचाने और अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकालने के कदम उठाया है. अतुल ने सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि उसने अपने दूसरे प्रयास में जेईई एडवांस्ड पास कर लिया था और जब तक कोर्ट उनके दाखिले का निर्देश नहीं देता, तब तक वह प्रतिष्ठित सीट पर दोबारा प्रयास नहीं कर पाएंगे.
कोर्ट ने पूछा, आप पिछले तीन महीनों से क्या कर रहे थे
पीठ ने अतुल की दाखिले की मांग वाली रिट याचिका पर विचार करने के लिए तैयार हो गया है और उसने आईआईटी मद्रास के आईआईटी एडमिशन के जोसा यानी ज्वाइंट सीट एलोकेशन ऑथोरिटी से जवाब मांगा, जिसने इस साल की परीक्षा आयोजित की थी. सीजेआई ने सांत्वना भरे शब्द कहा, “हम जितना हो सकेगा आपकी मदद करेंगे, लेकिन आप पिछले तीन महीनों से क्या कर रहे थे, क्योंकि फीस जमा करने की समय सीमा 24 जून को समाप्त हो गई थी?” इस पर अतुल के वकील ने बताया कि उन्हें पैसे की व्यवस्था करने में उनके परिवार को होने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया.