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JDU MLC Ghulam Gaus has different opinion from CM Nitish Kumar on Waqf Amendment Bill 2024 ann


Waqf Amendment: वक्फ बोर्ड संसोधित बिल को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. जेडीयू ने इस बिल का समर्थन किया है, लेकिन जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस की राय जेडीयू से अलग है. इस बिल पर गुरुवार को प्रतिक्रिया देते हुए गुलाम गौस ने कहा कि इस बिल को संसद में पेश करने से पहले इसको मुस्लिम समाज में आम जनमानस में दिल्ली चर्चा के लिए जाना चाहिए था. मुस्लिम समाज के आम जनमानस में इस बिल को बहस के लिए लेकर जाना चाहिए था उसके बाद जब आम सहमति बनती तब इस बिल को संसद में लाना चाहिए था.

गुलाम गौस ने कहा?

गुलाम गौस ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने वक्फ बोर्ड को संपत्ति दान की है. संपत्ति दान में दी गई थी मुस्लिम और हिंदू समाज के प्रभावशाली लोगों की तरफ से ताकि जो गरीब गुरबों का विकास हो, वह लाभान्वित हों. कोई खैरात वक्फ बोर्ड को नहीं दिया गया. आगे उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार से मुस्लिम समाज आशंकित हैं. बीजेपी वाले कभी दादरी बाबरी करते हैं. कभी लव जिहाद का मुद्दा उठाते हैं, कभी घर वापसी कभी तभी तीन तलाक का मुद्दा. कभी एनआरसी, सीएए. अब वक्फ बोर्ड का मुद्दा उठाया जा रहा है.

आरजेडी पर साधा निशाना

आरजेडी पर जेडीयू एमएलसी ने पलटवार किया. दरअसल, आरजेडी की तरफ से कहा गया है कि संसद में इस बिल का समर्थन जेडीयू ने किया. जेडीयू अल्पसंख्यक विरोधी मुस्लिम विरोधी है यह साफ हो गया. इस पर गुलाम गौस ने कहा कि आरजेडी के शासनकाल में मुस्लिमों के लिए कितना काम हुआ? यह जरा बताया जाए. मुस्लिम समाज के लिए सीएम नीतीश ने काम किया चाहे अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय हो, तालीमी मरकज हो. 16,000 उर्दू शिक्षक बहाल हुए.

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