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Jammu and Kashmir J K bank employee arrested in Rs 1 crore 44 lackh loan scam case ann


Jammu Kashmir News: जम्मू क्राइम ब्रांच ने 1.44 करोड़ के जे एंड के बैंक ऋण घोटाले में शामिल मुख्य आरोपी को जम्मू की अदालत द्वारा उसकी जमानत याचिका खारिज होने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार मुख्य आरोपी एक बर्खास्त जे एंड के बैंक कर्मचारी है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी की पहचान रोहित तारोच निवासी जम्मू के रूप में हुई है.

दरअसल, तत्कालीन शाखा प्रबंधक जे एंड के बैंक बीसी रोड जम्मू से क्राइम ब्रांच जम्मू में एक लिखित शिकायत दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2018-2019 की अवधि के दौरान, करीब 14 उधारकर्ताओं ने सरकारी कर्मचारियों को बैंक की सहुलत/सरल योजना के तहत व्यक्तिगत उपभोग ऋण (पीसीएल) सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए अलग-अलग तारीखों पर बैंक यूनिट बीसी रोड जम्मू से संपर्क किया. 

कर्मचारी होने का किया दावा
संदिग्ध व्यक्तियों ने मिलिट्री फार्म हाउस जम्मू, प्रशासनिक कमांडेंट स्टेशन मुख्यालय सतवारी, जम्मू और स्टेशन मुख्यालय दोमाना जम्मू के कर्मचारी होने का दावा किया और इन विभागों द्वारा उनके पक्ष में जारी किए गए वेतन प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रदान किए. 
इसके बाद आरोपी ने संदिग्ध उधारकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों और उनकी गारंटियों के आधार पर बैंक ब्रांच ने उनके पक्ष में ऋण सुविधाएं स्वीकृत और वितरित करवाईं. 

ब्रांच की एसएलएसी रिपोर्ट में इन खातों को प्रतिबिंबित करने के बाद, वसूली प्रक्रिया के एक भाग के रूप में शाखा अधिकारियों ने उक्त सैन्य इकाइयों/स्टेशन के अधिकारियों से उनके कर्मचारियों द्वारा ऋण बकाया के पुनर्भुगतान में चूक के बारे में संपर्क किया. जवाब में, इन सैन्य इकाइयों/स्टेशनों के अधिकारियों ने शाखा अधिकारियों को सूचित किया कि ऐसा कोई भी व्यक्ति उनका कर्मचारी नहीं है और पीसीएल ऋण प्राप्त करने के लिए उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज उनके द्वारा जारी नहीं किए गए थे. 

उधारकर्ताओं की गारंटियों पर किया भरोसा
क्राइम ब्रांच के प्रवक्ता के मुताबिक इसके बाद जे एंड के बैंक द्वारा मामले की आंतरिक जांच में पता चला कि 14 व्यक्तियों के एक समूह ने खुद को उपरोक्त सैन्य इकाइयों/स्टेशनों के कर्मचारी के रूप में पेश करने में सफलता प्राप्त की है और अपने पक्ष में सैन्य प्रतिष्ठानों द्वारा जारी किए गए कथित वेतन प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा किए हैं. बैंक इकाई ने इन उधारकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों और दी गई गारंटियों पर भरोसा किया और उनके पक्ष में ऋण सुविधाएं स्वीकृत कीं. 

जांच में हुआ ये खुलासा
जांच में आगे पता चला कि ये सभी व्यक्ति वास्तव में इन सैन्य फार्मों/इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारी नहीं थे और ऋण प्राप्त करने के समय उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज फर्जी और जाली थे. इस तरह समूह कुल 144.53 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने में सफल रहा. इस शिकायत पर, क्राइम ब्रांच ने एक मामला दर्ज किया था और जांच शुरू कर दी थी. 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अपराध जम्मू बेनाम तोष ने पुष्टि की कि एफआईआर संख्या 47/2023 में शामिल मुख्य आरोपी को न्यायालय द्वारा उसकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की जांच चल रही है.

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