Jaiveer Shergill BJP Attack On MP Kangana Ranauts Comment Over 3 Agricultural Laws
Jaiveer Shergill On Kangana Ranaut: बीजेपी नेता जयवीर शेरगिल ने हिमाचल की मंडी से सांसद कंगना रनौत पर हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कंगना रनौत के निराधार बयानबाजी से गलत संदेश जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि कंगना रनौत के बयान की वजह से पीएम मोदी की ओर से किए गए सभी अच्छे कामों पर नुकसानदायक प्रभाव पड़ा है.
बीजेपी नेता जयवीर शेरगिल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ”एक पंजाबी के रूप में, मुझे कहना होगा कि कंगना रनौत के पंजाब और सिख समुदाय के किसानों के खिलाफ लगातार, निराधार, अतार्किक बयानबाजी का पंजाब और पंजाबियत के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किए गए या किए जा रहे सभी अच्छे कार्यों पर हानिकारक प्रभाव पड़ा है.”
#WATCH | Delhi: On his tweet on actor & BJP MP Kangana Ranaut, party’s national spokesperson Jaiveer Shergill says, “I am grateful to the BJP for distancing themselves from the comments of Kangana Ranaut. But as a Punjabi, I must say that Kangana Ranaut’s consistent rant,… pic.twitter.com/VZULBLljpz
— ANI (@ANI) September 25, 2024
पीएम मोदी का पंजाब के साथ अटूट रिश्ता- शेरगिल
उन्होंने आगे लिखा, ”इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि पीएम मोदी का पंजाब, पंजाब के किसान और पंजाबियत के साथ एक अटूट, अटल बंधन है. किसानों और पंजाब के साथ संबंधों का आकलन एक सांसद की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों के आधार पर नहीं किया जा सकता और न ही किया जाना चाहिए. कंगना रनौत की टिप्पणियों से खुद को दूर करने के लिए मैं भाजपा का आभारी हूं”
कंगना रनौत ने कृषि कानूनों पर की थी टिप्पणी
फिल्म अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने मंगलवार (24 सितंबर) को ये कहते हुए विवाद खड़ा कर दिया कि तीनों विवादास्पद कृषि कानून को फिर से लागू करना चाहिए. जिसके बाद उन्हें अपनी पार्टी से भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि रनौत ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उनके विचार निजी थे और वह पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं.
बता दें कि पिछले महीने ही मंडी से सांसद कंगना रनौत को बीजेपी ने उस बयान को लेकर चेतावनी दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन से भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी.
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