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Jagdalpur municipal elections Clash between police and protesters Congress councilors ann | चुनाव से पहले जगदलपुर निगम में सियासी बवाल, नेता प्रतिपक्ष चेंबर के लिए भिड़े बीजेपी


Jagdalpur Congress Worker Protest: नगरीय निकाय चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के जगदलपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के चेम्बर को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. पिछले कई दिनों से चल रहे यह बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है, दरअसल लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेसी महापौर सफिरा साहू के बीजेपी में शामिल होने के बाद जगदलपुर नगर निगम में सत्ता परिवर्तन हो गया है.

बीजेपी के पार्षदों को एमआईसी सदस्य बनाया गया है, जबकि कांग्रेसी पार्षद अब विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं, वहीं हाल ही में सभी कांग्रेसी पार्षदों ने उदयनाथ जेम्स को निगम का नेता प्रतिपक्ष चुना है, अब नेता प्रतिपक्ष के चेंबर के आवंटन को लेकर घमासान मच गया है, दरअसल नगर निगम कार्यालय में 20 साल पुराने नेता प्रतिपक्ष के चेम्बर को अचानक बदल दिया गया है. इसकी सूचना किसी भी कांग्रेसी पार्षद या नेता प्रतिपक्ष को नहीं दिया गया, जिसको लेकर कांग्रेसी  पार्षद लगातार निगम के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.

कांग्रेस ने किया निगम दफ्तर का घेराव
बीजेपी की महापौर और निगम आयुक्त के द्वारा इस रवैये को अपनाने से पिछले कुछ दिनों से निगम नेता प्रतिपक्ष और सभी कांग्रेसी पार्षद नगर निगम कार्यालय के परिसर को अपना चेम्बर बनाकर कामकाज कर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं अब इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सड़क पर उतर आयी है, गुरुवार (11 जुलाई) को कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य के नेतृत्व में सभी कांग्रेसी पार्षदों के साथ कार्यकर्ताओं ने निगम आयुक्त और महापौर के खिलाफ सड़क के मुख्य मार्ग पर धरना प्रदर्शन किया और नगर निगम कार्यालय का घेराव किया.

आवेदन पर नहीं हुई कोई सुनवाई
कांग्रेसी पार्षदों का कहना है कि जगदलपुर नगर निगम में पिछले 20 सालों से निगम नेता प्रतिपक्ष के लिए तय चैंबर निर्धारित किया गया था, लेकिन अचानक अब इस चैंबर को बदल दिया गया है, कांग्रेसी पार्षदों ने आरोप लगाया है कि महापौर सफिरा साहू के बीजेपी में शामिल होने के बाद बदले की भावना से चेंबर को बदल दिया गया है, इस मामले को लेकर सभी कांग्रेसी पार्षदों ने बस्तर कलेक्टर ,निगम के कमिश्नर को आवेदन दिया, लेकिन इस आवेदन पर कोई सुनवाई नहीं हुई.

ताला जड़ने की दी चेतावनी
ऐसे में 48 घंटे के अंदर अगर चैंबर आबंटन की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती है तो कांग्रेसियों ने निगम कार्यालय में ताला जड़ने की चेतावनी दी, इसके बावजूद भी निगम की महापौर और आयुक्त ने नेता प्रतिपक्ष को इस चेंबर का आबंटन नहीं किया ,जिससे नाराज सभी कांग्रेसी पार्षद और बस्तर कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ता और नेता सड़क पर उतरकर निगम की  महापौर और आयुक्त के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धरना प्रदर्शन किया और नगर निगम का घेराव किया.

बदल डाला 20 साल पुराने चैंबर को
कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य ने बताया कि निगम के नए भवन की स्थापना के बाद से नेता प्रतिपक्ष का चैंबर महापौर और सभापति के चेंबर के बीच स्थापित किया गया था, इस चेंबर में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टी के नेता प्रतिपक्ष बैठते आए हैं, दो महीने पहले तक यहां बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे बैठते थे, लेकिन जैसे ही निगम में सत्ता परिवर्तन हुआ और कांग्रेसी पार्षद उदयनाथ जेम्स को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया, तुरंत महापौर और आयुक्त ने मिलकर नेता प्रतिपक्ष के 20 साल पुराने चैंबर को बदल डाला.

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी बताया कि कांग्रेस की सरकार में ही नेता प्रतिपक्ष के चेंबर को रेनोवेशन कर लाखों रुपये खर्च किया गया था, इसके बाद सत्ता परिवर्तन होते ही बीजेपी ने चेम्बर परिवर्तन भी कर दिया, इस अड़यल रवैये के विरोध में बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौपने के बाद भी इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिला अध्यक्ष ने कहा कि महापौर बदले की भावना से इस तरह की रवैया को अपना रही है, लेकिन जगदलपुर की जनता देख रही है जरूर आने वाले दिनो मे होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में जनता बीजेपी को सबक सिखाएगी.

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