Jabalpur court sentenced assistant engineer to 4 years imprisonment and imposed 60 lakh fine in corruption case ANN
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) की लोकायुक्त की स्पेशल कोर्ट ने एक भ्रष्ट इंजीनियर को चार साल की जेल की सजा और 60 लाख रुपये जुर्माना लगाया है. लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश अमजद अली की कोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोपी सिंचाई विभाग, उमरिया में पदस्थ रहे असिस्टेंट इंजीनियर राजकुमार पांडे को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई है.
क्या है पूरा मामला?
लोकायुक्त की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला ने दलील दी कि आरोपी असिस्टेंट इंजीनियर राजकुमार पांडे के खिलाफ 12 नवंबर 2014 को अनुपातहीन संपत्ति का मामला दर्ज किया था. सर्च वारंट मिलने के बाद आरोपी के उमरिया और जबलपुर स्थित आवासों और बैंक लॉकरों की तलाशी ली गई थी. आवास में मिले सामानों की इन्वेंट्री बनाई गई. साथ ही आवास और बैंक लॉकर में मिले जेवरों की जब्ती बनाई गई.
इसके बाद आरोपी द्वारा चेक पीरियड 5 दिसंबर 1977 से लेकर छापे के दिन 13 नवंबर 2014 तक वैध स्रोतों से कुल 71 लाख 73 हजार 107 रुपये की आय अर्जित किया जाना पाया गया. इस अवधि में 1 करोड़ 45 लाख 26 हजार 384 रुपये व्यय किया जाना भी पाया गया. इस तरह 73 लाख 53 हजार 277 रुपये की अनुपातहीन सम्पत्ति पाए जाने के कारण आरोपी के खिलाफ अभियोग पत्र विशेष न्यायालय, लोकायुक्त, जबलपुर के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया.
कोर्ट ने लगाया 60 लाख रुपये का जुर्माना
वहीं 10 साल चली सुनवाई के दौरान कोर्ट में अभियोजन की ओर से 46 और आरोपी की ओर से अपने बचाव में 43 सबूतों का परीक्षण कराया गया. लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश अमजद अली की अदालत ने सिंचाई विभाग, उमरिया में पदस्थ रहे असिस्टेंट इंजीनियर राजकुमार पांडे को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए चार साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही असिस्टेंट इंजीनियर राजकुमार पांडे पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.