Iran President Ebrahim Raisi Dies In Helicopter Crash – ईरान के राष्ट्रपति रईसी की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत, पीएम मोदी ने जताया दुख
क्रैश हेलिकॉप्टर का मलवा मिला
ईरान में बचाव दल को उस हेलीकॉप्टर का मलवा मिल गया है जो रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हेलिकॉप्टर में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान के अलावा सात अन्य लोग सवार थे. इससे पहले ईरानी रेड क्रिसेंट के प्रमुख पीर-हुसैन कुलिवंद ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर बताया था कि कई घंटों की खोज के बाद आपात सेवा की टीम अब भी क्रैश वाली जगह से दो किलोमीटर दूर है. हालांकि उन्होंने हेलीकॉप्टर को देख लिया है और उसकी पहचान कर ली है.
अजरबैजान के पहाड़ी इलाके में लापता हुआ था हेलिकॉप्टर
राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर रविवार को ईरान के उत्तर पश्चिमी प्रांत ईस्ट अजरबैजान के पहाड़ी इलाके में लापता हो गया था. इसके बाद से ही हेलिकॉप्टर की तलाश जारी थी. इससे पहले, ईरानी मंत्रिमंडल ने रविवार शाम एक आपात बैठक की. सरकारी समाचार एजेंसी इरना की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के प्रथम उप राष्ट्रपति मोहम्मद मुखबर ने इसकी अध्यक्षता की. जानकारी के मुताबिक ये हादसा ऐसी जगह हुआ, जहां घना जंगल और पहाड़ी है.
ईरान में सुप्रीम लीडर खामेनेई ने आपात बैठक की
ईरान सरकार ने तलाश के लिए 40 टीमें बनाई गई. ईरान में सुप्रीम लीडर खामेनेई ने आपात बैठक की. साथ ही रिवोल्यूशनरी गार्ड को अलर्ट पर रखा गया. आपको बता दें कि कुर्द इलाक़ों में पिछले साल हुए सरकार विरोधी आंदोलन हुए थे. जो बेल 212 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ वो अमेरिका में बना था. बेल 212 हेलीकॉप्टर में ईरानी राष्ट्रपति सवार थे. बेल 212 दो ब्लेड वाला मध्यम आकार वाला हेलिकॉप्टर है. इसमें पायलट समेत 15 लोग सवार हो सकते हैं.
हेलिकॉप्टर में कौन-कौन था सवार?
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी
विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान
पूर्वी अज़रबैजान के गवर्नर मलिक रहमती
धर्मगुरू अयातुल्ला अल हाशिम
पायलट, को-पायलट, क्रू चीफ
हेड ऑफ सिक्योरिटी, बॉडीगार्ड
ईरान ने पिछले महीने ही इजराइल पर किया था ड्रोन हमला
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब रईसी और सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व में ईरान ने पिछले महीने इजराइल पर एक जबरदस्त ड्रोन और मिसाइल हमला किया था. इसके अलावा ईरान का यूरेनियम संवर्धन भी हथियार बनाने के लिए आवश्यक स्तर के करीब पहुंच गया है. इसकी वजह से देश और पश्चिमी देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है. तेहरान ने यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को बम ले जाने वाले ड्रोन की आपूर्ति भी की और पूरे क्षेत्र में सशस्त्र मिलीशिया समूहों को भी भेजा.
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