Information From WhatsApp University: DMK On Finance Minister Nirmala Sitharamans Flood Warning Claim – व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से जानकारी: Nirmala Sitharaman के बाढ़ चेतावनी के दावे पर DMK
चेन्नई:
राज्य के दक्षिणी जिलों में विनाशकारी बाढ़ को लेकर केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुक्रवार को तेज हो गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि मौसम कार्यालय ने पहले ही बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी थी और द्रमुक सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर सवाल उठाए. इस पर द्रमुक की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई और उसने निर्मला सीतारमण पर “व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से जानकारी प्राप्त करने” का तंज कस दिया. सीतारमण के अनुसार, तिरुनेलवेली, थूथुकुडी, कन्नियाकुमारी और तेनकासी जिलों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 31 लोगों की जान चली गई है.
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यहां से शुरू हुआ विवाद
केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप गुरुवार को तब शुरू हुआ, जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा 17 दिसंबर को ही अत्यधिक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था, जिस दिन जिलों में बाढ़ आना शुरू हुई थी. स्टालिन ने बाढ़ प्रभावित जिलों के दौरे के दौरान कहा, “केवल 17 दिसंबर को ही मौसम विभाग ने 17 और 18 तारीख को ‘बेहद भारी बारिश’ की चेतावनी दी थी.” स्टालिन के दावों का जवाब देते हुए, सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र चेन्नई के पास उन्नत उपकरण हैं और उन्होंने कम से कम पांच दिन पहले 17 दिसंबर को चार जिलों में बारिश की भविष्यवाणी की थी. उन्होंने कहा, “सूचना 11 और 12 दिसंबर को ही दे दी गई थी. उन्होंने अलर्ट जारी किया था कि इन जिलों में 14-17 दिसंबर के आसपास अत्यधिक भारी बारिश होगी. इसलिए, जो कोई भी दावा करता है कि चेतावनी नहीं मिली, इस पर जरूर ध्यान दें.”
फिर हुआ पलटवार
इसके बाद द्रमुक ने ‘व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी’ तंज के साथ पलटवार किया, जिसका इस्तेमाल अक्सर भाजपा के आलोचक यह बताने के लिए करते हैं कि पार्टी का आईटी सेल और उसका पारिस्थितिकी तंत्र सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाता है.
डीएमके प्रवक्ता ए सरवनन ने कहा, “अगर निर्मला ने बीजेपी नेता के रूप में बात की है, तो उन्होंने उनके ‘व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी’ से जानकारी ली है. अगर उन्होंने एक मंत्री के रूप में बोला है, तो उनकी तथ्यों पर कोई पकड़ नहीं है.”
एनडीटीवी के मौसम कार्यालय के अलर्ट के विश्लेषण में 11 या 12 दिसंबर को अत्यधिक भारी बारिश या बहुत भारी बारिश का कोई जिक्र नहीं मिला. 14 दिसंबर को बहुत भारी बारिश के अलर्ट जारी होने शुरू हुए और 17 दिसंबर की दोपहर को मूसलाधार बारिश के बाद ही अलर्ट जारी होने लगे. सरवनन ने कहा, “केवल 18 दिसंबर को मौसम विभाग ने एक रेड अलर्ट ट्वीट किया था. यह 17 तारीख तक ऑरेंज अलर्ट था.”
मदद पर भी संग्राम
सीतारमण ने कहा कि केंद्र ने बचाव और राहत के लिए हेलीकॉप्टर, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और सेना को तैनात किया है. द्रमुक ने पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ऐसा करने के लिए बाध्य है और इसे एहसान के रूप में पेश नहीं किया जा सकता है. ऐसा लग रहा है कि किसी दूसरे देश की मदद की जा रही है. तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेनारासु ने कहा, “वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु के लोगों को अपमानित किया है. उनकी भाषा युद्ध में दुश्मन देश के प्रति जैसी है.” मुख्यमंत्री स्टालिन ने राज्य में लगातार दो बार आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है. उन्होंने चक्रवात मिचौंग के बाद बाढ़ से प्रभावित चेन्नई और आसपास के जिलों के लिए 12,000 करोड़ रुपये के बाढ़ राहत पैकेज और दक्षिणी जिलों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत की भी मांग की है.
केंद्र ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि के तहत ₹900 करोड़ वार्षिक बकाया के हिस्से के रूप में ₹450 करोड़ जारी किए हैं, लेकिन हाल की बाढ़ से हुए नुकसान के लिए अभी तक कोई अतिरिक्त धनराशि नहीं दी गई है. सीतारमण ने कहा, “राष्ट्रीय आपदा नाम की कोई चीज़ नहीं है. यहां तक कि उत्तराखंड आपदा को भी राष्ट्रीय आपदा नहीं कहा गया.”
इंडिया गठबंधन पर सवाल
वित्त मंत्री ने नई दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में भाग लेने के लिए स्टालिन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब दक्षिणी तमिलनाडु मूसलाधार बारिश के प्रभाव से जूझ रहा था तब हमने एनडीआरएफ तैनात किया था और स्टालिन तब दिल्ली में थे.” द्रमुक ने कहा है कि स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की और उनसे राहत राशि जारी करने का आग्रह किया.