Indian Railways claims Rahul Gandhi met train drivers brought from outside Unions counters Ministry officer came after
Rahul Gandhi: ट्रेन चालक संघों ने रेलवे के इस दावे का खंडन किया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन लोको पायलटों से मुलाकात की, जो दिल्ली मंडल से नहीं थे बल्कि बाहर से लाये गये थे. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार (5 जुलाई) को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोको पायलटों से मुलाकात की थी, जिसके बाद उत्तर रेलवे (एनआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि गांधी ने जिन लोको पायलटों से मुलाकात की है, वे नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन की ‘क्रू लॉबी’ (लोको पायलटों के लिए निर्धारित स्थल) से नहीं थे. दिल्ली मंडल उत्तर रेलवे के अंतर्गत आता है.
एनआर के सीपीआरओ दीपक कुमार ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि वे (लोको पायलट) बाहर से लाए गए थे.” राहुल गांधी ने स्टेशन के ‘क्रू लॉबी’ पहुंचकर कुछ लोको-पायलटों से बात करके उनकी समस्याओं और चुनौतियों के बारे में जानकारी हासिल की थी. विभिन्न लोको पायलट संघों के सदस्य गांधी के साथ लॉबी में मौजूद रहे थे. इन संघों ने सीपीआरओ के बयान का विरोध करते हुए कहा कि लोको पायलटों की शिकायतें समान हैं, ऐसे में उनके मंडलों और कार्य क्षेत्रों को अलग-अलग करके देखना अप्रासंगिक है.
क्या बोले रेलवे के यूनियन?
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन’ के दक्षिण क्षेत्र के अध्यक्ष आर. कुमारेसन ने गांधी और लोको पायलटों के बीच इस बातचीत के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, “मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहता हूं कि गांधी ने विभिन्न रेल मंडलों के लोको पायलटों से बातचीत की, न कि केवल उन लोगों से जो दिल्ली से थे.”
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस सांसद क्रू लॉबी पहुंचे और उसी इमारत में उन पायलटों के लिए एक रनिंग रूम भी है जो आराम करने के लिए बाहर से आते हैं. उन्होंने सभी से बात की, चाहे वे किसी भी मंडल से हों.’ गांधी की यात्रा के दौरान मौजूद रहे भारतीय रेलवे लोको रनिंगमैन संगठन (आईआरएलआरओ) के केंद्रीय कोषाध्यक्ष कमलेश सिंह ने कहा कि सभी रेल नेटवर्क पर लोको पायलटों को समान चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उनकी शिकायतें भी समान होती हैं.
‘सामान्य मुद्दों पर की बात’
सिंह ने कहा, ‘चाहे वह लंबी ड्यूटी हो, साप्ताहिक आराम देने से इनकार हो, या फिर शौचालय का अभाव और दोपहर भोज के लिए समय न देना हो, ये सामान्य मुद्दे हैं जिनका सभी मंडलों और क्षेत्रों के सभी ट्रेन ड्राइवरों को सामना करना पड़ता है. इसलिए यह कोई मुद्दा नहीं है कि वह दिल्ली डिवीजन या किसी अन्य डिवीजन के लोको पायलट से मिले.”
आईआरएलआरओ के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने कहा कि भारतीय रेलवे के सभी रनिंग रूम पर केवल दूसरे स्टेशनों के लोको रनिंग स्टाफ ही आराम करते हैं. पांधी ने कहा, ‘एक सांसद, जो नेता प्रतिपक्ष भी है, सभी रेलवे कर्मचारियों समेत कहीं भी किसी से भी मिल सकता है.’ कुमारेसन ने स्पष्ट किया कि गांधी ने रनिंग रूम में प्रवेश नहीं किया क्योंकि इससे लोको-पायलटों को परेशानी होती जो अपनी अगली शिफ्ट से पहले आराम कर रहे थे.
राहुल गांधी के जाते ही आए रेल मंत्रालय के लोग
लोको पायलटों ने यह भी कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उनसे मुलाकात के बाद रेल मंत्रालय ने अपने अधिकारियों को ट्रेन ड्राइवरों से मिलने और उनकी शिकायतों पर ध्यान देने के लिए भेजा. सिंह ने कहा, ‘गांधी के जाने के बाद, रेल मंत्रालय के अधिकारी हमारी शिकायतें सुनने के लिए नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हमसे मिलने आए.’
सिंह ने कहा कि यह पहली बार है कि रेलवे बोर्ड के किसी अधिकारी ने उनकी समस्याओं पर इतनी त्वरित प्रतिक्रिया दिखाई है. सिंह ने कहा, ‘हमने अधिकारी के साथ वही मुद्दे साझा किए जो हमने राहुल गांधी के साथ साझा किए थे. लंबे समय तक ड्यूटी के कारण काम का तनाव होता है और ट्रेन ड्राइविंग ड्यूटी के दौरान शौचालय और दोपहर भोजनावकाश नहीं होना हमारी कुछ समस्याएं हैं जिन्हें हमने उनके और रेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ साझा किया.”
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