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India Responded To Challenge At Northern Border Very Resolutely: S Jaishankar On China Border Row – भारत ने बेहद सख्ती और शिद्दत से दिया जवाब : चीन के साथ गतिरोध पर विदेश मंत्री एस जयशंकर



जयशंकर ने कहा, ‘‘आप सब जानते हैं कि पिछले तीन वर्ष में चुनौतियों की बात करें तो हमारे समक्ष उत्तरी सीमाओं पर असाधारण रूप से कठिन वक्त था.”

उन्होंने कहा,‘‘हालांकि कि ये कोविड के वक्त में हुआ, फिर भी हमने बेहद सख्ती से और पूरी शिद्दत से इसका जवाब दिया और आज की तारीख में हम हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिस भी प्रकार से जरूरी है हम डटे हुए हैं.”

जयशंकर ने यह भी बताया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक जागरुकता पैदा करने की कोशिश की या क्वाड की रूपरेखा के तहत सहयोग के लिए आगे बढ़ा, लेकिन उस वक्त एक विमर्श था जिससे कोई असहज हो सकता था. यह परोक्ष रूप से चीन के संदर्भ में था. 

उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई और असहज महसूस करता है तो यह उनकी समस्या है.”

विदेश मंत्री ने कहा,‘‘आखिरकार हमें जो करना है हम वो करेंगे. फिर चाहने वह कितना भी मुश्किल या कठोर क्यों न हो.”

उन्होंने कहा कि इस प्रकार का रुख हमें ‘‘भारत के तौर पर वर्णित ” करेगा. 

भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने का विशेष रूप से उल्लेख किए बिना जयशंकर ने कहा कि ऊर्जा खरीद पर देश की पसंद राष्ट्रीय हितों से प्रेरित थी.

यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदने के पश्चिम के दबाव के बावजूद भारत ने ऐसा करना जारी रखा. 

उन्होंने बड़े व्यवसायों से भारत को अपनी आपूर्ति श्रृंखला बनाने में मदद करने का भी आह्वान किया. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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