India Qatar Relations Ex Navy Officer Released How PM Modi Meets Tamim bin Hamad Al Thani Sets the Bai;
India-Qatar Relations: कतर ने जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया है. इनमें से सात भारत लौट आए हैं. बीजेपी ने आठ पूर्व नौसैनिकों की रिहाई को भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत बताया और इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने स्वदेश वापसी पर पूर्व नौसैनिकों का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘जैसे ही हमारे नौसेना के दिग्गज भारतीय धरती पर लौटे तो उन्होंने इसे संभव बनाने के लिए पीएम मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त किया. उनके आभार के शब्द पीएम मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व में वैश्विक मंच पर भारत के राजनयिक कौशल को रेखांकित करते हैं. ’’
वहीं रिहा हुए कमांडर (सेवानिवृत्त) पूर्णेंदु तिवारी की बहन डॉ. मीतू भार्गव ने कहा कि उनके भाई अभी तक घर नहीं आए हैं, लेकिन उन्हें रिहा कर दिया गया है. परिवार बहुत खुश है. मीतू ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, “अगर मेरा भाई लौट आते तो हमारी खुशी पूरी हो जाती.” उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और सरकार के साथ-साथ कतर के अमीर का आभार जताया.
दरअसल, भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की रिहाई से 46 दिन पहले उनकी मौत की सजा को अलग अलग अवधि की कारावास सजा में तब्दील किया गया था. ऐसा माना जा रहा है कि मोदी सरकार की सफल कूटनीति के कारण फांसी की सजा को घटाकर उम्रकैद में बदला गया. फिर 8 पूर्व अधिकारियों को छोड़ दिया गया.
पीएम मोदी ने अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से की थी भेंट
ये ऐसे समय में सामने आ रहा है जब विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी संयुक्त अरब अमीरात की अपनी यात्रा के बाद 14 फरवरी को कतर की राजधानी दोहा की यात्रा करेंगे.
पीएम मोदी ने दुबई में सीओपी28 शिखर सम्मेलन में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से भेंट की थी. दोनों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रहने वाले भारतीयों की भलाई पर चर्चा भी की थी. माना जा रहा है कि कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की रिहाई का मामला भी पीएम मोदी ने इस दौरान उठाया था.
इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल ने भी इस मुद्दे को कतर के सामने बार-बार उठाया था.
कौन-कौन भारत लौटे?
कथित जासूसी के मामले में कैप्टन (सेवानिवृत्त) नवतेज गिल, सौरभ वशिष्ठ, कमांडर (सेवानिवृत्त) पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, बीके वर्मा, सुगुनाकर पकाला और नाविक (सेवानिवृत्त) रागेश को सजा सुनाई गई थी.
न्यूज एजे्ंसी पीटीआई के मुताबिक तिवारी दोहा में ही रुके हैं और उनके जल्द ही भारत वापस आने की संभावना है. हालांकि आरोपों को लेकर कतर और भारत ने कुछ भी अधिकारिक तौर पर अभी तक कुछ नहीं कहा है. बता दें कि नौसेना के पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.
भाषा इनपुट से भी.