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India Maldives Relations Reset President Mohamed Muizzu India Visit On 6 October Know Why He Coming India


Mohammed Muizzu India Visit: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू 6 से 10 अक्टूबर तक भारत के आधिकारिक दौरे पर आएंगे. यह राष्ट्रपति मोइज्जू की भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. इससे पहले वे जून 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारत आए थे.

चीन की विचारधारा का समर्थन करने लिए मशहूर मोइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत और मालदीव के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए. शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने मालदीव को भारत की ओर से गिफ्ट में दिए गए तीन विमानन प्लेटफॉर्म पर तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी. दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह आम लोगों को तैनात किया गया.

संबध सुधारने की कोशिश में मोइज्जू?

हाल ही में अमेरिका में मोईज्जू ने कहा था कि जिन लोगों ने भारत के खिलाफ बयान दिया था, उन पर एक्शन लिया गया. यह दौरा मालदीव और भारत के बीच रिश्तों की एक अच्छी शुरूआत के तौर पर देखा जा सकता है क्योंकि लक्षद्वीप और मालदीव विवाद के बाद मालदीव के पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगा था. मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में बड़ी कमी आई थी. उसके बाद से ही मालदीव पर बहुत दबाव था कि वो भारत के साथ अपने संबंध सही करे.

पिछले महीने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने स्वीकार किया था कि राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू के नेतृत्व वाली सरकार के शुरुआती दिनों में मालदीव-भारत संबंधों में खटास आई थी, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि दोनों देशों ने गलतफहमियों को सुलझा लिया है.

उन्होंने कहा, “हमारे चीन और भारत दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं और दोनों देश मालदीव का समर्थन करना जारी रखते हैं.”

भारत मालदीव के रिश्ते हमेशा रहे मधुर

भारत और मालदीव के संबंध हमेशा से बेहतर रहे हैं. भारत ने हर मुश्किल वक्त में मालदीव की मदद की है. भारत और मालदीव के बीच 1965 में ही राजनयिक संबंध स्थापित हो गए थे. भारत की पड़ोसी प्रथम नीति में मालदीव का एक विशेष स्थान है. भारत ने 1988 में मालदीव में तख़्तापलट को नाकाम किया था.

2004 की सुनामी के वक्त भारत ने मालदीव की बड़ी मदद की थी. 2014 में मालदीव में जल संकट के वक्त भी भारत सबसे बड़े मददगारों में से एक था. 2020 में भारत ने Measles वैक्सीन की 30 हज़ार डोज़ भेजकर मालदीव को महामारी से निपटने में सहयोग किया था. भारत ने कोविड के वक्त भी मालदीव की मदद की थी.

भारत और मालदीव के बीच कब बिगड़ी थी बात?

भारत और मालदीव के बीच विवाद तब और बढ़ गया जब मालदीव के तीन उप-मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में विवादित टिप्पणी की. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने उनकी टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया और तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया.

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