India Is Selectively Killing Terrorists In Pakistan The Guardian Claim MEA Has Rejected Such Allegations Many Times – भारत आतंकियों को PAK में घुसकर मार रहा: द गार्जियन का दावा, MEA ऐसे आरोपों को कई बार कर चुका खारिज
नई दिल्ली :
अमेरिका, कनाडा और अब ब्रिटेन के दैनिक अखबार ‘द गार्जियन’ ( UK daily The Guardian) ने भारत पर विदेशी धरती पर हत्याओं और हत्याओं की कोशिश किए जाने का आरोप लगाया है. ‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) और रूस की केजीबी (KGB) से प्रेरणा ली है, जो विदेशी धरती पर अपने दुश्मनों की हत्याओं के लिए जानी जाती हैं. हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ऐसे आरोपों को कई बार सिरे से खारिज कर चुका है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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भारत का विदेश मंत्रालय ब्रिटेन के दैनिक अखबार ‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के उन आरोपों कई बार सिरे से खारिज कर चुका है, जिसमें भारत पर आतंकवादियों को खत्म करने के लिए पाकिस्तान में लक्षित हत्याएं करने का आरोप लगाया गया है.
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विदेश मंत्रालय ‘द गार्जियन’ जैसी रिपोर्ट के आरोपों को “झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार” करार देता रहा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कई बार कहा है कि अन्य देशों में लक्षित हत्याएं “भारत सरकार की नीति” नहीं रही है.
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द गार्जियन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नई दिल्ली ने “उन लोगों को निशाना बनाने की नीति लागू की है, जिन्हें वह भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण मानता है.” रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद से भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ द्वारा करीब 20 इस तरह की हत्याएं की गईं.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पाकिस्तान द्वारा दिए गए सबूतों और सीमा के दोनों ओर के खुफिया अधिकारियों के इंटरव्यू पर आधारित है. द गार्जियन ने एक अज्ञात भारतीय अधिकारी का हवाला देते हुए बताया है कि भारत ने इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद और रूस की केजीबी से प्रेरणा ली है, जो विदेशी धरती पर अपने दुश्मनों की हत्याओं के लिए जानी जाती हैं.
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इन एजेंसियों का नाम 2018 में सऊदी पत्रकार और असंतुष्ट जमाल खशोगी की हत्या से भी जुड़ा था. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने कुछ हत्याओं के बारे में दस्तावेज पेश किए हैं, जिन्हें स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका है. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि हत्याएं संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में स्थापित भारतीय खुफिया विभाग के स्लीपर सेल द्वारा की गई थीं.
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इससे पहले अमेरिका और कनाडा ने भारत पर विदेशी धरती पर हत्याओं और हत्याओं की कोशिश किए जाने का आरोप लगाया था. हालांकि, भारत तक भी इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. साथ ही कनाडा से आरोपों को लेकर सबूत देने के लिए कहा था.
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पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के “विश्वसनीय आरोप” हैं. एक कनाडाई नागरिक और भारत में वांछित आतंकवादी निज्जर को जून में सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मार दी गई थी. भारत ने इस आरोप को “बेतुका” बताते हुए खारिज कर दिया था.
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इसके बाद अमेरिका ने दावा किया था कि उन्होंने एक और खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की कोशिश को नाकाम कर दिया है. अमेरिका ने दावा किया कि पन्नून एक अमेरिकी-कनाडाई नागरिक है, जिसकी कथित तौर पर एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता और एक अनाम भारतीय सरकारी अधिकारी ने हत्या की साजिश रची थी.
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अमेरिका ने दावा किया कि पन्नुन, एक अमेरिकी-कनाडाई नागरिक, एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता और एक अनाम भारतीय सरकारी अधिकारी द्वारा हत्या की साजिश का विषय था.
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अमेरिकी आरोपों के बीच भारत ने कहा था कि वह “संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ” पर अमेरिकी इनपुट की जांच कर रहा है. विदेश मंत्रालय के पूर्व प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, “भारत ऐसे इनपुट को गंभीरता से लेता है, क्योंकि यह हमारे अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर भी असर डालता है. अमेरिकी इनपुट के संदर्भ में मुद्दों की पहले से ही संबंधित विभागों द्वारा जांच की जा रही है.”